अब सरकार पेट्रोल, डीजल पर बढ़ा सकती आठ रुपए लीटर उत्पाद शुल्क, कानून में किया संशोधन

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के तेजी से गिरते दाम के बीच सरकार ने कानून में जरूरी संशोधन किया है और पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि करने का अधिकार हासिल कर लिया है

Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2020 4:01 PM IST


नई दिल्ली: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के तेजी से गिरते दाम के बीच सरकार ने कानून में जरूरी संशोधन किया है और पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि करने का अधिकार हासिल कर लिया है। इसके बाद सरकार आने वाले दिनों में कभी भी पेट्रोल, डीजल पर आठ रुपये के दायरे में उत्पाद शुलक में वृद्धि कर सकती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा में वित्त विधेयक 2020 में संशोधन पेश किये जिसमें इन ईंधनों पर भविष्य में एक सीमा तक विशेष उत्पाद शुल्क की दर बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल था। सदन ने विधेय को बिना चर्चा के पारित कर दिया।

पेट्रोल पर बढ़ा उत्पाद शुल्क

इस संशोधन के बाद सरकार पेट्रोल पर अतिरिक्त विशेष उत्पाद शुल्क को प्रति लीटर 10 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये और डीजल पर चार रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर तक कर सकती है। 

सरकार ने इससे पहले 14 मार्च को दोनों ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर वृद्धि की घोषणा की थी। इस वृद्धि से सालाना आधार पर सरकार को 39,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्रापत हो सकता है। इस शुल्क वृद्धि में दो रुपये विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क मद में दो रुपये और सड़क एवं अवसंरचना उपकर की मद में एक रुपये प्रति लीटर शुल्क बढ़ाया गया। कुल मिलाकर तीन रुपये प्रति लीटर तक शुल्क बढ़ाया गया।

सरकार द्वारा 14 मार्च को की गई वृद्धि के बाद विशेष उत्पाद शुल्क इसके लिये कानून में दी गई अधिकतम सीमा तक पहुंचा गया था। यह सीमा पेट्रोल के मामले में 10 रुपये और डीजल के मामले में चार रुपये प्रति लीटर थी।

आठवीं अनुसूची में संशोधन 

सरकार ने अब वित्त विधेयक की आठवीं अनुसूची में संशोधन करते हुये इस सीमा को पेट्रोल के मामले में बढ़ाकर 18 रुपये और डीजल के मामले में 12 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। यह संशोधन सरकार को भविष्य में शुल्क बढ़ाने के लिये कानूनी प्रावधान के तौर पर उपलब्ध कराया गया है। फिलहाल इस समय पेट्रोल, डीजल पर इस शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई है। सरकार भविष्य में जरूरत पड़ने पर यह वृद्धि कर सकती है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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