19 साल की यह लड़की एक कविता के चक्कर में खा रही जेल की हवा, अब कोर्ट ने कहा- जाओ एग्जाम दे लो

उल्फा समर्थक कविता लिखने के आरोप में बरशाश्री करीब दो महीने से जेल में बंद है। लगातार उसकी रिहाई की मांग की जा रही है। इसको लेकर डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर जीपी सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा।

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2022 11:45 AM IST / Updated: Jul 15 2022, 05:30 PM IST

करियर डेस्क : असम (Assam) में देशद्रोही कविता लिखने पर गिरफ्तार छात्रा बरशाश्री बुरागोहेन (Barshashree Buragohain) अपना सेमेस्टर एग्जाम दे सकेगी। उसकी उम्र 19 साल है और वह जोरहाट डीसीबी कॉलेज की छात्रा है।गोलाघाट की एक स्थानीय अदालत ने बुरागोहेन को बीएससी सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है। सत्र न्यायाधीश ने जिलाधिकारी को आदेश दिया कि परीक्षा के दौरान छात्रा को पुलिस हिरासत में उचित व्यवस्था की जाए, ताकि उसे पेपर देने में किसी तरह की समस्या न हो। कोर्ट ने निर्देश के मुताबिक वह जेल से ही परीक्षा में शामिल होगी। बता दें कि 18 जुलाई से उसकी परीक्षा शुरू होगी।

किस आरोप में जेल में है बरशाश्री बुरागोहेन
बरशाश्री बुरागोहेन को 18 मई को गोलाघाट के उरियामघाट से अरेस्ट किया गया था। उस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत 'अकौ कोरिम राष्ट्र द्रोह' शीर्षक से एक कविता लिखने का आरोप है। वह डीसीबी कॉलेज में बीएससी मैथ्य की स्टूडेंट्स है। वह दो महीने से जेल में बंद है। उसकी गिरफ्तारी के बाद राज्य में बड़े स्तर पर आलोचना हुई। छात्र संगठनों, विपक्षी दलों और कई बुद्धजीवी वर्ग ने उसकी रिहाई की मांग की। 
 
डीजीपी ने कहा-उसे जेल में ही रहने दो
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा था कि कविता लिखना कोई बुरा काम नहीं है। मैं भी कविता लिखता हूं। लेकिन बरसश्री को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि उसने लिखा था कि वह उल्फा में शामिल हो जाएगी। उसने दूसरों को भी साथ ले जाने की बात लिखी थी। इसलिए अब उसे उल्फा में जाने की जरूरत नहीं, उसे जेल में रही रहना है। वहीं, विशेष डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर जीपी सिंह ने बरसश्री की रिहाई की मांग के बीच बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। 

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