कैसे बनते हैं अंपायर : जानें योग्यता, सेलेक्शन प्रॉसेस, सैलरी और अन्य डिटेल्स

क्रिकेट का सीजन चल रहा है। T20 वर्ल्ड कप का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। इस वर्ल्ड कप अंपायर के कई डिसीजन चर्चाओं में रहे। अंपायर बनने के लिए बीसीसीआई के कुछ तय प्रॉसेस है, जिसके आधार पर आप अंपायर बनकर अपना करियर संवार सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2022 8:41 AM IST

करियर डेस्क : टी-20 वर्ल्ड कप (ICC Men's T20 World Cup) चल रहा है। फाइनल में इंग्लैंड और पाकिस्तान में भिड़ंत होने वाली है। सेमीफाइनल में भारत का सफर थम गया। लेकिन भारत में क्रिकेट देखने और खेलने वालों की संख्या बाकी देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसका क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। क्रिकेट के नियमों से लेकर खिलाड़ियों तक की जानकारी देश में करीब-करीब हर क्रिकेट प्रेमी को होती है। कई लोग इसमें अपना करियर (Career) भी बनाना चाहते हैं। कई युवाओं की दिलचस्पी अंपायरिंग में भी होती है। लेकिन क्या आप जानते  हैं कि क्रिकेट का अंपायर कैसे बनते हैं (How To Become Umpire)? अगर आप भी अंपायर बनकर अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यहां जानें इससे जुड़ी योग्यता, एक्सपीरियंस, सेलेक्शन प्रॉसेस, सैलरी और अन्य डिटेल्स..

अंपायर बनने की योग्यता
अगर कोई क्रिकेट बैकग्राउंड से आता है या पहले क्रिकेट खेला है तो उसे अंपायर बनने में थोड़ा आसानी हो जाती है लेकिन ऐसी योग्यता नहीं है। एक अंपायर बनने की तय प्रक्रिया होती है। उसी से आगे बढ़ने पर कोई अंपायर बनता है। अगर कोई अंपायर इंटरनेशनल मैच में अंपायरिंग करना चाहता है तो उन्हें कुछ टेस्ट पास करना पड़ता है। अंपायर बनने के लिए आपकी आई साइट और फिटनेस अच्छी होनी चाहिए। आपको क्रिकेट के नियम पता होने चाहिए। 

अंपायर किस-किस लेवल के होते हैं
लोकल अंपायर और स्टेट अंपायर के साथ अगर आप नेशनल लेवल पर अंपायरिंग करना चाहते  हैं तो आपको बीसीसीआई (BCCI) में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। बीसीसीआई में अलग-अलग ग्रेड के अंपायर होते हैं। ग्रेड ए,  ग्रेड बी, ग्रेड सी और ग्रेड डी अंपायर होते हैं। बीसीसीआई के ग्रेड ए में एक समय में 20 अंपायर होते हैं। 

अंपायर बनने की प्रॉसेस
अंपायर बनने के लिए आपको कई चरण से गुजरना पड़ता है। पहले चरण में स्टेट एसोसिएशन में रजिस्टर करना होता है। लोकल मैचों में अंपायरिंग करनी पड़ती है। इसके बाद स्टेट एसोसिएशन उम्मीदवार का नाम आगे बढ़ाता है और फिर बीसीसीआई के अंपायर बनाए जाते हैं। अनुभव और टैलेंट की बदौलत स्टेट एसोसिएशन में एंट्री मिलती है। स्टेट एसोसिएशन जो नाम आगे बढ़ाता है, वो बीसीसीआई की अंपायरिंग के लिए नहीं बल्कि बीसीसीआई की तरफ से जो परीक्षा आयोजित की जाती है, उसके लिए होती है। बीसीसीआई अंपायर के लिए लेवल वन की परीक्षा आयोजित करती है।

अंपायर बनने की परीक्षा
बीसीसीआई की तरफ से आयोजित लेवल वन परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है। क्रिकेट बोर्ड इसकी कोचिंग क्लास भी आयोजित करती है। पहले तीन दिन कोचिंग दी जाती है और चौथे दिन परीक्षा होती है। इसमें जो भी उम्मीदवार शामिल होते हैं, उनका सेलेक्शन मेरिट के आधार पर किया जाता है। फाइनल तौर पर सेलेक्ट उम्मीदवार को इंडक्शन कोर्स कराया जाता है। इसी कोर्स के दौरान अंपायरिग के गुण सिखाए जाते हैं। प्रैक्टिकल और ओरल एग्जाम भी आयोजित किए जाते हैं। यह लेवल-2 के लिए होता है। इसके बाद मेडिकल टेस्ट होता है और कैंडिडेट बीसीसीआई का अंपायर बन जाते हैं। 

अंपायर की सैलरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंपायर को जो सैलरी दी जाती है, वह उनके लेवल और वरिष्ठता के आधार पर दी जाती है। उनके पैनल के आधार पर भी प्रति मैच फीस तय की जाती है। बीसीसीआई की तरफ से ग्रेड के हिसाब से अंपायरों को सैलरी दी जाती है। ग्रेड ए के अंपायर की फीस करीब 40 हजार रुपए प्रति मैच  होती है, जबकि ग्रेड बी के अंपायरों की सैफीस 30 हजार रुपए होती है। हालांकि फीस को लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। 

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