नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, 2020 की सिफारिशों की बात करें तो आदर्श तौर पर जीडीपी का 6 प्रतिशत एजुकेशन बजट होना चाहिए। हालांकि, यह आंकड़ा अभी तक नहीं पहुंचा है लेकिन इस बार एजुकेशन सेक्टर को सरकार से काफी उम्मीदें हैं।
करियर डेस्क : आज भारत का आम बजट ( Budget 2023) पेश होने वाला है। हर सेक्टर की निगाहें मोदी सरकार की दूसरी पारी के आखिरी पूर्ण बजट से है। एजुकेशन सेक्टर भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से आस लगाए बैठा है। कोविड की वजह से पिछले तीन सालों में शिक्षा का क्षेत्र काफी प्रभावित रहा। आइए जानते हैं पिछले तीन साल में बजट में शिक्षा क्षेत्र को क्या मिला और इस बार क्या उम्मीदें हैं..
2022-23 का एजुकेशन बजट
साल 2022-23 में मोदी सरकार ने एजुकेशन सेक्टर को बजट में एक लाख चार हजार 277 करोड़ रुपए आवंटित किए। जो पिछले सालों की तुलना में काफी ज्यादा था। शिक्षा बजट में समग्र शिक्षा अभियान के लिए सरकार ने 37,383 करोड़, आईआईटी के लिए 8,494 करोड़ रुपए, यूजीसी और NICTE के लिए 5,320 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। बजट में सरकार ने डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए भी फंड का प्रावधान किया था।
2021-22 का बजट
साल 2021-22 में एजुकेशन सेक्टर को सरकार से 93,224 करोड़ रुपए का आवंटन मिला। जिसमें हायर एजुकेशन के लिए 38,350 करोड़ रुपए और स्कूली शिक्षा के लिए 31,050 करोड़ रुपए सरकार ने आवंटित किए। लड़कियों को मोदी सरकार की तरफ से राष्ट्रीय प्रोत्साहन योजना के लिए 1 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। जो पहले 110 करोड़ रुपए के करीब था।
2020-21 का एजुकेशन बजट
वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को 99,300 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। स्किल डेवलपमेंट के लिए सरकार ने 3,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। इसके साथ ही बजट में सरकार का जोर कौशल विकास पर काफी था। इसी साल एजुकेशन सेक्टर में FDI को भी मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम की भी घोषणा हुई थी।
इस बार एजुकेशन सेक्टर को क्या हैं उम्मीदें
एजुकेशन एक्सपर्ट के मुताबिक, सरकार को जीडीपी का कम से कम 5 प्रतिशत एजुकेशन सेक्टर को बजट आवंटित करना चाहिए। वैसे तो सरकार ने पिछले बजट में एजुकेशन सेक्टर को प्रॉयरिटी दी थी लेकिन इस बार भी सरकार की प्रॉयरिटी में इस बजट को देखा जा रहा है ताकि हायर एजुकेशन बेहतर हो सके। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार होते बदलाव और नई शिक्षा नीति के आने से उच्च शिक्षा में भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। एजुकेशन सेक्टर डिजिटल की ओर बढ़ रहा है। आज अलग-अलग लैंग्वैज में कई प्रोग्राम उपलब्ध हैं। इस बजट से उम्मीद है कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का बजट बढ़ाएगी।
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