
Byju Raveendran Teachers Day 2025: शिक्षक सिर्फ स्कूल या कॉलेज की क्लास में ही नहीं मिलते। कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे टीचर देती है, जो किताबों से नहीं बल्कि अपने खेल, मेहनत और जज्बे से सिखाते हैं। टीचर्स डे 2025 पर ये बातें कहीं बायजूस के बायजू रवींद्रन ने, उन्होंने linkedin पर एक पोस्ट शेयर की है और उसमें बताया है कि कैसे अपने बचपन के दिनों में उन्होंने सबसे बड़ी सीख किताबों से नहीं, बल्कि क्रिकेट के मैदान से ली। उन्होंने लिखा- मुझे याद आता है कि मेरे लिए सबसे पहला बड़ा टीचर कोई स्कूल का मास्टर नहीं, बल्कि क्रिकेट का एक खिलाड़ी था, ब्रायन चार्ल्स लारा।
बायजू रवींद्रन ने लिखा- मैं केरल के एक छोटे से गांव में बड़ा हो रहा था। वहां मेरे लिए क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि पढ़ाई की तरह था। यहां तक कि मैंने इंग्लिश बोलना भी क्रिकेट कमेंट्री सुन-सुनकर सीखा। उन दिनों जिन खिलाड़ियों को मैं सबसे ज्यादा देखता था, उनमें लारा मेरे पहले हीरो बने। इतना कि मेरा पहला ईमेल आईडी ही था- ByjuLara@yahoo.com जानिए कैसे बायजू रवींद्रन ने ब्रायन चार्ल्स लारा से मिली 5 सबसे बड़ी लाइफ लेसन्स के बारे में बताया।
लारा का बैटिंग स्टाइल बाकी बल्लेबाजों से बिल्कुल अलग था। उनका हाई बैकलिफ्ट कई लोगों को रिस्की लगता था। लेकिन उसी स्टाइल से उन्होंने वो रिकॉर्ड बनाए, जिन पर आज भी यकीन करना मुश्किल है- 375, 400 नॉट आउट और 501 रन। उन्होंने सिखाया कि अगर लगातार मेहनत और प्रैक्टिस करो, तो कोई भी स्किल सीखी जा सकती है।
लारा को हमेशा पता रहता था कि कब मैच बराबरी का है और कब वो पूरी तरह कंट्रोल में हैं। उन्होंने दिखाया कि जीत सिर्फ टैलेंट से नहीं, बल्कि धैर्य, प्लानिंग और एडजस्ट करने की क्षमता से मिलती है।
1994 में लारा ने 766 मिनट तक बैटिंग करके इंग्लैंड के खिलाफ 375 रन बना कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। करीब दस साल बाद मैथ्यू हेडन ने 380 रन बनाकर ये रिकॉर्ड तोड़ा। सबको लगा ये मार्क अब सालों तक रहेगा। लेकिन सिर्फ छह महीने बाद, लारा ने उसी ग्राउंड और उसी टीम के खिलाफ 400 रन जड़ दिए। वो आज भी दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं जिन्होंने खोया हुआ वर्ल्ड रिकॉर्ड दोबारा हासिल किया। इससे मिली सबसे बड़ी सीख यह है कि अगर आप सच में कुछ चाहते हो, तो रास्ता खुद निकल आएगा।
लारा हमेशा परफेक्ट नहीं थे। उनका फॉर्म कभी-कभी गिर जाता, कप्तानी भी मजबूत नहीं थी। लेकिन उन्होंने सिखाया कि महानता का मतलब है, हर असफलता के बाद और ज्यादा मजबूती से वापसी करना।
लारा ने बैटिंग को खूबसूरत बनाया। उनकी पारियां सिर्फ रन बनाने की मशीन नहीं थीं, बल्कि एक कला की तरह थीं। उन्होंने मुझे सिखाया कि पढ़ाई भी ऐसी होनी चाहिए, जो प्रेरणा दे, डराए नहीं।
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आज जब हम टीचर्स डे 2025 मना रहे हैं, तो यही बात याद आती है कि असली टीचर वही होता है, जो हमें नई नजर से दुनिया को देखने की ताकत दे। चाहे वो क्लासरूम में बैठा हो या क्रिकेट के मैदान पर। हैप्पी टीचर्स डे 2025 उन सभी को, जो हमें मुश्किल वक्त में भी आगे बढ़ने का हौसला देते हैं।
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