
Regular Army vs Territorial Army: क्या आप भी भारतीय सेना ज्वाइन करना चाहते हैं। यदि हां, तो आपके पास दो बड़े ऑप्शन हैं Regular Army और Territorial Army (TA)। दोनों ही भारतीय सेना का अहम हिस्सा हैं, लेकिन इनकी भूमिका, काम करने का तरीका, भर्ती प्रक्रिया और करियर ग्रोथ अलग-अलग है। कई युवाओं के मन में यह सवाल रहता है कि इनमें से कौन-सा ऑप्शन बेहतर रहेगा और उनके लाइफ स्टाइल व करियर के लिहाज से कौन सी फोर्स ज्यादा फिट बैठेगी। तो यहां जानिए Regular Army और Territorial Army में क्या अंतर है, किसके लिए कौन-सी फोर्स सही है, इनकी भर्ती प्रक्रिया क्या है और कौन इनमें शामिल हो सकता है।
Regular Army यानी वह भारतीय सेना जो फुल टाइम देश की सेवा के लिए समर्पित होती है। इसमें सैनिकों और अधिकारियों की पोस्टिंग सीमाओं से लेकर रेगुलर एरिया तक होती है। एक बार जब कोई जवान या अफसर इसमें शामिल हो जाता है तो उसे तय समय तक सेवा करनी होती है। ये फोर्स देश की बॉर्डर सिक्योरिटी, युद्ध रणनीति, इंटेलिजेंस और हर प्रकार के मिशन में एक्टिव रहती है। सैनिकों को ट्रेड के अनुसार ट्रेनिंग और ड्यूटी मिलती है, जैसे कि इंजीनियरिंग, मेडिकल, सिग्नल्स आदि।
Territorial Army को हम पार्ट टाइम देश सेवा का मौका कह सकते हैं। इसमें शामिल लोग नौकरीपेशा, प्रोफेशनल या सेल्फ-एम्प्लॉयड होते हैं, जो जरूरत पड़ने पर देश की मदद के लिए आगे आते हैं। TA के जवान और अधिकारी इमरजेंसी, प्राकृतिक आपदा, आतंरिक सुरक्षा ऑपरेशन और लॉजिस्टिक सपोर्ट जैसे कार्यों में मदद करते हैं। ये लोग आमतौर पर अपनी नौकरी या बिजनेस करते रहते हैं और जब सेना को जरूरत होती है, तभी इन्हें बुलाया जाता है।
रेगुलर आर्मी: रेगुलर आर्मी में शामिल होने के लिए एक सिस्टमेटिक और कंपटीटिव प्रोसेस होता है। जैसे- UPSC की NDA या CDS जैसी परीक्षाएं पास करनी होती हैं। SSB इंटरव्यू, मेडिकल टेस्ट और बैकग्राउंड चेक होते हैं। टेक्निकल, नॉन-टेक्निकल, और शॉर्ट सर्विस कमिशन जैसी कई एंट्री स्कीम्स मौजूद हैं।
टेरिटोरियल आर्मी: TA की भर्ती थोड़ी अलग होती है। इसमें 18 से 42 साल तक के सेल्फ एम्प्लॉयड या नौकरीपेशा व्यक्ति अप्लाई कर सकते हैं। 2025 में TA की भर्ती के लिए रिटन एग्जाम, PIB इंटरव्यू और SSB इंटरव्यू के प्रोसेस होंगे। यह प्रोसेस मुख्य रूप से ऑफिसर लेवल के लिए होता है।
Regular Army: इसमें अफसरों को रैंक के अनुसार प्रमोशन और पेंशन बेनिफिट्स मिलते हैं। देश के हर हिस्से में पोस्टिंग होती है और कई बार विदेशी मिशनों में भी तैनाती मिलती है। पूरा करियर संगठित और ट्रेनिंग-बेस्ड होता है जिसमें लीडरशिप, टैक्टिक्स और ऑपरेशनल स्किल्स सिखाई जाती हैं।
Territorial Army: इसमें भी प्रमोशन मिलता है लेकिन धीमा और लिमिटेड होता है। TA के अफसरों की पोस्टिंग आमतौर पर आपातकाल, काउंटर टेरर ऑपरेशन, डिजास्टर रिलीफ या सेरेमोनियल ड्यूटी के लिए होती है। इन्हें फॉरवर्ड कॉम्बैट रोल में रेगुलर बेस पर नहीं भेजा जाता।
ये भी पढ़ें- Success Story: 18 साल की उम्र में पास किए 6 एविएशन एग्जाम, बनी देश की यंगेस्ट कमर्शियल पायलट
| पैमाना | Regular Army | Territorial Army |
| सेवा की प्रकृति | फुल टाइम | पार्ट टाइम (जरूरत पर बुलाया जाता है) |
| सैलरी और पेंशन | फिक्स्ड और सरकारी | सिर्फ ड्यूटी के समय भत्ता |
| करियर ग्रोथ | रैंक के अनुसार प्रमोशन | सीमित ग्रोथ |
| कौन अप्लाई कर सकता है | छात्र, ग्रेजुएट | जॉब करने वाले या बिजनेसमैन |
| परीक्षा | NDA, CDS, SSB | Written, PIB, SSB |
अगर आप पूरी तरह से आर्मी को अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं, युद्ध और रणनीति में दिलचस्पी है और देश की सेवा को फुल टाइम पेशा बनाना चाहते हैं, तो रेगुलर आर्मी आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। वहीं अगर आप किसी और प्रोफेशन में हैं लेकिन फिर भी समय-समय पर देश सेवा करना चाहते हैं, तो टेरिटोरियल आर्मी आपको यह सुनहरा मौका देती है। इच्छुक कैंडिडेट आने वाले TA और Army रिक्रूटमेंट्स की लेटेस्ट अपडेट्स के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।
ये भी पढ़ें- अगर इन कंपनियों से आया जॉब ऑफर, तो समझिए लग गई लॉटरी, देखें टॉप 10 एंप्लॉयर ब्रांड्स लिस्ट