17 साल के हाईस्कूल के एक छात्र को एडमिशन देने के लिए दुनिया के बड़े-बड़े कॉलेज ऑफर दे रहे हैं। इतना ही नहीं उसे करोड़ों की स्कॉलरशिप भी दी जा रही है। इस उपलब्धि के पीछे उस लड़के का संघर्ष और मेहनत काफी मोटिवेट करने वाला है।
करियर डेस्क : 17 साल के रेजिस हैरिस (Regis Harris) 10वीं के स्टूडेंट्स हैं। उनका टैलेंट इतना कमाल का है कि दुनिया के 40 से भी ज्यादा टॉप के कॉलेज उन्हें एडमिशन देने का ऑफर दे रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें करोड़ों की स्कॉलरशिप भी ऑफर की जा रही है। हैरिस एक ऐसी बीमारी से साथ दुनिया में आए, जिसके साथ आगे बढ़ना काफी कठिन था। लेकिन अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने खुद को वहां खड़ा कर दिया, जहां पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं। आइए जानते हैं रेजिस हैरिस के संघर्ष और सफलता की कहानी...
40 से ज्यादा टॉप कॉलेज से ऑफर
रेजिस हैरिसअ मेरिका के कोलोराडो में रहते हैं। वह हाईस्कूल में पढ़ाई करते हैं। उन्हें 40 से ज्यादा कॉलेजों की तरफ से ऑफर लेटर भेजा गया है। इसके साथ ही हैरिस को 1.6 मिलियन डॉलर यानी करीब 13 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप भी दी गई है। जिन कॉलेजों से हैरिस को ऑफर मिला है, उनमें अमेरिका के भी टॉप कॉलेज शामिल हैं।
रात-रातभर पढ़ाई करते हैं हैरिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेजिस हैरिस ने अटलांटा न्यूज से बातचीत में बताया कि 'मुझे खुद भी यकीन नहीं हो रहा है कि इतने जगह से मुझे ऑफर मिल रहा है। ये वही कॉलेज हैं, जहां कभी एडमिशन का मैं सपना देखा करता था।' हैरिस ने बताया कि उनका यह सपना यूं ही नहीं पूरा हो गया। इसके लिए उन्होंने दिनरात एक करके पढ़ाई की है। पढ़ने के लिए वे कई-कई रात तक सोते नहीं थे। खर्च निकालने के लिए पार्ट टाइम जॉब भी करते थे। चर्च में गाना गाने जाया करते थे। इतना ही नहीं स्कूल की नेशनल ऑनर सोसाइटी, चेस क्लब, वर्सिटी ट्रैक टीम और स्कूल बैंड के भी वे मेंबर रहे हैं। इन सबके बावजूद उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी और आज यह उपलब्धि मिली है।
दिल की बीमारी के साथ पैदा हुए थे हैरिस
बेटे के अचीवमेंट पर पैरेंट्स काफी खुश हैं। मां ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि उनका बेटा चमत्कारिक है। माता-पिता का कहना है कि बेटे की जितनी भी तारीफ की जाए, वह उतनी ही कम होगी। बेटा जब पैदा हुआ था, तब उसे दिल की बीमारी थी। पैदा होने के दो दिन बाद ही ओपन हार्ट सर्जरी करानी पड़ी। तब डॉक्टरों ने कहा था कि उनके बेटे का मानसिक विकास काफी देर से होगा। आगे भी सर्जरी की जरूरत पड़ेगी, लेकिन बेटे ने तो चमत्कार ही कर दिया।
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