
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी की बात हो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) का नाम ना आए, ऐसा मुमकिन ही नहीं। अमेरिका की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, सिर्फ एक शैक्षिक संस्था नहीं, बल्कि हर उस छात्र का सपना है जो ग्लोबल लेवल पर कुछ बड़ा करना चाहता है।
भारत समेत दुनिया के 100 से अधिक देशों से हर साल सैकड़ों छात्र यहां पढ़ाई के लिए अप्लाई करते हैं। जानिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को लेकर ऐसा क्या खास है जो इसे भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों के बीच इतना फेमस बनाता है। साथ ही, यहां एडमिशन कैसे मिलता है, पढ़ाई के बाद करियर और सैलरी के क्या ऑप्शन हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हर साल करीब 700-800 भारतीय छात्र पढ़ते हैं। ये छात्र ज्यादातर मास्टर्स, पीएचडी, MBA, लॉ, पब्लिक पॉलिसी जैसे कोर्सेज में एडमिशन लेते हैं। इसके अलावा अन्य देशीें से भी सैकड़ों हात्र यहां हर साल एडमिशन लेते हैं।
हार्वर्ड दुनिया की टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटी है, जो World Ranking में टॉप-3 में शामिल है। यह कई नोबेल प्राइज विनर्स, सफल स्टार्टअप फाउंडर्स और ग्लोबल लीडर्स का Alma Mater है। वर्ल्ड क्लास फैकल्टी और रिसर्च फैसिलिटी इसे खास बनाते हैं। यहां की डिग्री की ग्लोबल वैल्यू और करियर में ग्रोथ दुनिया भर के छात्रों के लिए प्रमुख आकर्षण है।
हार्वर्ड में एडमिशन पाना आसान नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं। यहां का एडमिशन प्रोसेस कुछ इस तरह होता है-
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने के बाद छात्रों को दुनियाभर की टॉप कंपनियों से जॉब ऑफर मिलते हैं। खासकर-
सैलरी की बात करें तो शुरुआत में ही हार्वर्ड ग्रेजुएट को ₹80 लाख से ₹1.5 करोड़ तक का पैकेज मिल जाता है (सैलरी कोर्स और स्किल्स पर निर्भर करता है)। MBA ग्रेजुएट्स की सैलरी और भी ज्यादा होती है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और पुरानी यूनिवर्सिटीज में गिना जाता है। इसकी स्थापना साल 1636 में हुई थी, यानी भारत में ताजमहल बनने से भी पहले। इस लिहाज से यह सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शैक्षणिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
हर साल यहां 160 से भी ज्यादा देशों के स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए आते हैं। यही वजह है कि हार्वर्ड का कैंपस एक ग्लोबल मिनी वर्ल्ड जैसा लगता है। यहां के 30% से ज्यादा स्टूडेंट्स इंटरनेशनल होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की भी है।
अगर बात करें लाइब्रेरी सिस्टम की, तो हार्वर्ड का लाइब्रेरी नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी सिस्टम है। यहां स्टूडेंट्स को पढ़ने और रिसर्च के लिए अनगिनत संसाधन मिलते हैं, जो इसे बाकी यूनिवर्सिटीज से काफी आगे ले जाता है। इस तरह हार्वर्ड सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक ग्लोबल आइकन है, जो शिक्षा, रिसर्च और लीडरशिप का दूसरा नाम बन चुका है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अब तक 8 अमेरिकी राष्ट्रपति, 160 से ज्यादा नोबेल पुरस्कार विजेता, और 14 ट्यूरिंग अवॉर्ड विजेता पढ़ चुके हैं। यह अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि यह यूनिवर्सिटी कितने हाई-क्वालिटी लीडर्स, वैज्ञानिकों और विचारकों को तैयार करती है।