
हाल ही में जब सोशल मीडिया पर ये झूठी खबर फैली कि भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया है, तो देशभर में चिंता की लहर दौड़ गई। ये अफवाह 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उड़ी, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। लेकिन जैसे ही साफ हुआ कि ये सिर्फ एक फर्जी अफवाह थी, लोग राहत की सांस लेने के साथ-साथ शिवांगी सिंह के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए। जानिए कौन हैं ये बहादुर फाइटर पायलट शिवांगी सिंह? करियर, एजुकेशन, अचीवमेंट्स और इंटरेस्टिंग Life Facts.
भारतीय वायुसेना की युवा पायलट शिवांगी सिंह का नाम आज इतिहास में दर्ज हो चुका है। वो न सिर्फ राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट को उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बनीं, बल्कि उन्होंने दुनिया भर में यह संदेश भी दिया कि भारतीय महिलाएं अब किसी भी मोर्चे पर पीछे नहीं हैं।
शिवांगी का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहा। 15 मार्च 1995 को वाराणसी में जन्मी शिवांगी ने बचपन में जब दिल्ली के एयरफोर्स म्यूजियम का दौरा किया था, तभी से उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें एक दिन आसमान छूना है। स्कूलिंग के बाद उन्होंने बीएचयू से पढ़ाई की और यहीं एनसीसी एयर विंग से जुड़ते हुए उन्होंने भारतीय वायुसेना की ओर कदम बढ़ाया।
साल 2017 में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिलने के बाद शिवांगी ने पहले MiG-21 Bison जैसे कठिन और तेज विमान उड़ाए। लेकिन असली मुकाम तब मिला जब साल 2020 में उन्हें राफेल उड़ाने के लिए चुना गया। यह वही राफेल है, जिसे भारत ने फ्रांस से खास रणनीतिक ताकत के लिए मंगवाया था।
शिवांगी आज IAF की 'गोल्डन एरोज स्क्वाड्रन' का हिस्सा हैं, जो पंजाब के अंबाला एयरबेस से ऑपरेट करती है। यहीं से उन्होंने कई अहम मिशन उड़ाए, जिनमें लद्दाख और चीन बॉर्डर के पास ऑपरेशनल फ्लाइट्स भी शामिल रहीं। उनकी रफ्तार और रणनीति ने उन्हें वायुसेना के भीतर 'राफेल रानी' का नाम दिलाया।
2023 में फ्रांस में हुए 'एक्सरसाइज ओरियन' के लिए भारत ने पहली बार अपने राफेल फाइटर्स को विदेश भेजा था और इसी के साथ शिवांगी इस मिशन का हिस्सा बनने वाली पहली भारतीय महिला फाइटर पायलट बन गईं। इससे पहले स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी जापान में अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं, लेकिन शिवांगी का यह मिशन ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें भारत की नई ताकत राफेल को वैश्विक मंच पर पेश किया गया।
गणतंत्र दिवस की परेड में भी शिवांगी का नाम तब सुर्खियों में आया, जब वे IAF की झांकी में शामिल होने वाली दूसरी महिला फाइटर पायलट बनीं। उनके आत्मविश्वास और हौसले ने लाखों लड़कियों को यह यकीन दिलाया कि वे भी चाहें तो सेना में शीर्ष स्थान तक पहुंच सकती हैं।
काशी की गलियों से उड़ान भरकर भारत की पहली महिला राफेल पायलट बनने तक का शिवांगी सिंह का यह सफर सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा की कहानी है, जो यह बताती है कि अगर सपना बड़ा हो और इरादा मजबूत, तो कोई भी ऊंचाई पाई जा सकती है।