
MPPSC Success Story: आयशा अंसारी, रीवा, मध्यप्रदेश की एक साधारण परिवार की बेटी, ने अपने संघर्ष और मेहनत से MPPSC परीक्षा में सफलता हासिल की और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होकर एक नई मिसाल कायम की है। आयशा के पिता एक ऑटो-ड्राइवर हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी बेटी के सपनों को सीमित नहीं किया। आयशा की सफलता न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। उनका मानना है कि शिक्षा समाज के विकास के लिए सबसे बड़ा हथियार है और यह किसी भी व्यक्ति की जिंदगी बदलने की क्षमता रखता है।
आयशा ने अपनी सफलता की यात्रा में शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार बताती हैं। उनके अनुसार शिक्षा सिर्फ एक समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए जरूरी है। कहती हैं- मेरे माता-पिता को शिक्षा का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने मुझे यह मौका दिया, ताकि हम न केवल अपने जीवन को सुधार सकें, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन सकें।
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आयशा के माता-पिता ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई। आयशा के पिता, जो एक ऑटो ड्राइवर हैं, ने कभी अपनी बेटी को पढ़ाई से नहीं रोका और हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी मां भी आयशा के समर्पण और कठिनाईयों के बावजूद उसे सपोर्ट करती रही। आयशा के पिता के अनुसार- बेटी हमेशा किताबों में खोई रहती थी, हमने कभी भी उसे पढ़ाई से नहीं रोका। उसकी सफलता उसकी मेहनत का परिणाम है।
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MPPSC (मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग) राज्य स्तर की एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जो राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक और सिविल सेवाओं के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा उन कैंडिडेट्स के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती है, जो सरकारी पदों पर नियुक्ति पाना चाहते हैं।
आयशा अंसारी की कहानी यह साबित करती है कि कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा और मेहनत से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनके माता-पिता का समर्थन और आयशा की अपनी मेहनत ने उसे MPPSC परीक्षा में सफलता दिलाई और आज वह अन्य लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।
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