
NDA First Female Batch Graduation Parade 2025: नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का इतिहास 30 मई 2025 को एक नया मोड़ लेने जा रहा है। पहली बार महिला कैडेट्स का बैच पासआउट होने जा रहा है। NDA के 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड (POP) में 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुष कैडेट्स के साथ ग्रेजुएट होंगी। ये युवा महिलाएं अब भारतीय सेना, नेवी और एयर फोर्स में अफसर बनकर देश की सेवा करेंगी।
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए महिलाओं को NDA परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। इसके बाद UPSC ने NDA में महिला उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार करने शुरू किए। 2022 में पहला महिला बैच NDA में शामिल हुआ जिसमें 17 लड़कियां थीं। अब तीन साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये महिलाएं अफसर बनने जा रही हैं।
हरसिमरन कौर, जो जल्द ही इंडियन नेवी एकेडमी जॉइन करेंगी, बताती हैं कि NDA में उनका पहला दिन बहुत ही रोमांचक और भावनात्मक था। उन्होंने कहा, “हमने NDA के सूडान ब्लॉक को सिर्फ तस्वीरों में देखा था, लेकिन उसे सामने से देखना रोंगटे खड़े कर देने वाला था। पहले दिन से लेकर आज तक हमने फिजिकल ट्रेनिंग, क्लासेज़ और अनुशासन के जरिए खुद को एक अधिकारी के तौर पर ढाला।”
श्रीति दक्ष, जो कैडेट कैप्टन भी रही हैं, कहती हैं, “NDA पास करना मेरे खून में है। मेरे पिता भी NDA से हैं और मेरी बहन भी वायुसेना में अफसर हैं। यहां की ट्रेनिंग ने हमें मजबूत बनाया और हर मोर्चे पर खुद को साबित करने का मौका दिया।”
2022 से अब तक कुल 126 महिला कैडेट्स को NDA में एडमिशन मिला है। इनमें से 121 कैडेट्स अभी ट्रेनिंग ले रही हैं जबकि 5 कैडेट्स ने किसी कारणवश ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ दी। इन 121 कैडेट्स का संबंध देश के 17 राज्यों से है। हरियाणा से सबसे ज्यादा 35 महिला कैडेट्स हैं, उत्तर प्रदेश से 28, राजस्थान से 13 और महाराष्ट्र से 11 कैडेट्स हैं। दक्षिण भारत की बात करें तो केरल से 4 और कर्नाटक से 1 महिला कैडेट NDA का हिस्सा बनी हैं।
NDA में तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कैडेट्स को न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बनाया जाता है, बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता, टीम भावना और निर्णय लेने जैसी अधिकारी-क्वालिटीज भी विकसित की जाती हैं। इस ट्रेनिंग में महिला कैडेट्स ने भी पुरुष कैडेट्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर चुनौती का सामना किया और खुद को साबित किया।