
Panchayat Sachiv Salary: अगर आपने 'पंचायत' वेब सीरीज देखी है, तो उसमें सचिव जी का किरदार और फुलेरा गांव की सादगी आपको जरूर पसंद आई होगी। यही कारण है कि आज कई युवाओं के मन में यह सवाल उठता है, क्या हम भी पंचायत सचिव बन सकते हैं? जवाब है हां, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी शैक्षणिक योग्यताएं और चयन प्रक्रिया को पार करना होता है। बिहार जैसे राज्य में, जहां गांवों की बड़ी संख्या है, वहां ग्राम पंचायत सचिव की भूमिका बहुत अहम होती है। वह पंचायत और सरकारी योजनाओं के बीच एक पुल का काम करता है। जानिए पंचायत सचिव कैसे बनें।
पंचायत सचिव ग्राम पंचायत का एक अहम अधिकारी होता है। सरकारी योजनाओं की निगरानी करना, पंचायत बैठकों का रिकॉर्ड रखना, विकास कार्यों का हिसाब-किताब संभालना, गांववासियों की समस्याओं को दर्ज करना, मुखिया, वार्ड सदस्य और ब्लॉक अधिकारियों के बीच संवाद बनाए रखना एक पंचायत सचिव का मुख्य काम होता है। पंचायत सचिव को ही सरकारी स्कीम्स के सही तरीके से क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी जाती है।
बिहार में पंचायत सचिव बनने के लिए उम्मीदवार को बिहार राज्य का निवासी होना चाहिए। किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री जरूरी है। कंप्यूटर की बेसिक जानकारी अनिवार्य है। पंचायत सचिव बनने के लिए आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 18 से 37 वर्ष (आरक्षित वर्गों को छूट मिलती है) है।
इस पद के लिए भर्ती प्रक्रिया बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) या ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से होती है। चयन विभिन्न चरणा में होता है। पहले चरण में लिखित परीक्षा पास करनी पड़ती है। इसमें सामान्य ज्ञान, हिंदी, गणित और पंचायत व्यवस्था से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। दूसरे चरण में साक्षात्कार (इंटरव्यू) होता है। इसमें लिखित परीक्षा में पास होने वालों को बुलाया जाता है। इंटरव्यू के बाद मेरिट के आधार पर नियुक्ति की जाती है।
शुरुआत में पंचायत सचिव को संविदा (Contract) के आधार पर नियुक्त किया जाता है। इस दौरान हर महीने करीब ₹20,000 से ₹25,000 की सैलरी मिलती है। सरकार की पॉलिसी और काम के प्रदर्शन के आधार पर भविष्य में स्थायी नियुक्ति भी हो सकती है, जिससे वेतन और सुविधाएं दोनों बढ़ती हैं।