रमेश घोलप: गरीबी और दर्द को मात देकर बने IAS, दिल छू लेने वाली कहानी

Published : Oct 15, 2024, 12:32 PM IST
Ramesh Gholap IAS

सार

UPSC Success Story: गरीबी से जूझते हुए, रमेश घोलप ने चूड़ियां बेचकर UPSC में 287वीं रैंक हासिल की। उनकी प्रेरणादायक कहानी IAS aspirants के लिए एक मिसाल है।

भारत की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लाखों अभ्यर्थी हर साल दिन-रात एक कर इसे पास करने और IAS, IPS या IFS जैसे प्रतिष्ठित पदों पर काबिज होने का सपना देखते हैं। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जो न सिर्फ प्रेरणादायक होती हैं, बल्कि जीवन के कठिनतम हालातों को भी हराने की जबरदस्त इच्छाशक्ति को दर्शाती हैं। ऐसी ही एक खास और दिल को छू लेने वाली कहानी है IAS अधिकारी रमेश घोलप की।

एक गरीब परिवार से IAS तक की राह

रमेश घोलप महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक छोटे से गांव महागांव में एक गरीब परिवार में जन्मे। उनके पिता गोरख घोलप गांव में साइकिल मरम्मत की एक छोटी दुकान चलाते थे, जिससे बमुश्किल परिवार का गुजारा होता था। जब रमेश स्कूल में थे, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। इस घटना ने परिवार को और भी गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया।

मां के साथ चूड़ियां बेचने से सिविल सेवा तक

अपने परिवार की मदद करने के लिए, रमेश और उनके भाई ने अपनी मां विमला के साथ गांव-गांव जाकर चूड़ियां बेचना शुरू किया। रमेश खुद भी पोलियो से ग्रसित थे, जो उनके बाएं पैर को प्रभावित करता था। लेकिन इन कठिनाइयों ने रमेश के हौसले को कभी कमजोर नहीं किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और कठिनाइयों का सामना करते हुए शिक्षा में आगे बढ़ते रहे।

शिक्षा से प्रेरणा और सिविल सेवा का सफर

रमेश ने शिक्षा में डिप्लोमा और ओपन यूनिवर्सिटी से आर्ट्स से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। 2009 में एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए उनकी मुलाकात एक तहसीलदार से हुई, जिसने उनके अंदर UPSC की परीक्षा पास करने का जुनून पैदा कर दिया। इस प्रेरणा से रमेश ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का दृढ़ निश्चय किया और शिक्षक की नौकरी छोड़ दी। उनकी मां ने कठिन हालातों में भी रमेश के सपने को पूरा करने के लिए थोड़ी-बहुत पूंजी जुटाई।

खुद की मेहनत से UPSC की तैयारी

रमेश पुणे चले गए और वहां छह महीने तक बिना किसी कोचिंग के खुद से UPSC की तैयारी की। 2010 में उन्होंने पहली बार परीक्षा दी, लेकिन असफल रहे। पर उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत जारी रखी। उनकी यह मेहनत रंग लाई और 2012 में रमेश ने UPSC परीक्षा में 287वीं रैंक (विकलांग वर्ग) प्राप्त की।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए आज की प्रेरणादायक शख्सियत

रमेश घोलप वर्तमान में झारखंड के ऊर्जा विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनकी इस संघर्ष भरी यात्रा ने यह साबित कर दिया कि यदि आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प हो, तो किसी भी विपरीत परिस्थिति को पराजित किया जा सकता है। उनकी कहानी आज भी उन हजारों UPSC अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो बिना महंगी कोचिंग के अपनी मंजिल पाने का सपना देखते हैं।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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