भारतीय छात्रों में एंटरप्रेन्योरशिप का रिकॉर्ड क्रेज! IIT मंडी सर्वे का खुलासा

IIT मंडी के सर्वे के अनुसार, 32.5% से ज्यादा भारतीय छात्र अब एंटरप्रेन्योर बनना चाहते हैं। सरकारी नीतियां भी युवाओं को बिज़नेस शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

क्या आप जानते हैं कि भारत के 32.5% से ज्यादा छात्र अब "नए जमाने के एंटरप्रेन्योर" बनने की राह पर हैं? IIT मंडी की एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हाल ही में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय यूनिवर्सिटी के छात्र अब सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि एंटरप्रन्योरशिप की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। इस बदलाव के पीछे भारत में चल रही कई सरकारी नीतियां भी एक अहम भूमिका निभा रही हैं, जो युवाओं को अपने खुद के बिजनेस शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। यह रिपोर्ट ‘ग्लोबल यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योरियल स्पिरिट स्टूडेंट्स सर्वे’ (GUESSS) इंडिया 2023 की प्रमुख खोजों पर आधारित है। IIT मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पुरण सिंह और नेशनल टीम के सदस्य व डॉक्टोरल कैंडिडेट धर्मेंद्र के. यादव ने इस रिपोर्ट को तैयार किया। GUESSS सर्वे दुनिया का सबसे बड़ा रिसर्च प्रोजेक्ट है, जो दुनियाभर के छात्र एंटरप्रेन्योरशिप को लेकर किस तरह सोचते हैं, इसका अध्ययन करता है।

एंटरप्रेन्योरशिप में आना चाहते हैं भारतीय छात्र?

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रिपोर्ट के अनुसार, 14% भारतीय छात्र ग्रेजुएट होते ही एंटरप्रेन्योर बनना चाहते हैं, जबकि वैश्विक औसत 15.7% है। वहीं, 31.4% छात्र ग्रेजुएशन के 5 साल बाद एंटरप्रेन्योर बनने का प्लान कर रहे हैं, जो कि वैश्विक औसत 30% से थोड़ा ज्यादा है।

भारतीय छात्रों में एंटरप्रेन्योरशिप का बढ़ता क्रेज

इस सर्वेक्षण में भारत के सैकड़ों उच्च शिक्षण संस्थानों के 13,896 छात्रों ने हिस्सा लिया। यह सर्वे छात्रों की एंटरप्रेन्योरशिप के प्रति दिलचस्पी और भविष्य की योजनाओं का आकलन करता है। IIT मंडी के डॉ. पुरण सिंह ने बताया, “हम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं और हमारे पास सबसे ज्यादा युवा आबादी है। यदि हम युवाओं की एंटरप्रेन्योरशिप क्षमता का सही उपयोग करें, तो यह देश की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकती है।”

भारतीय छात्रों का ग्लोबल स्कोर

GUESSS सर्वे के अनुसार, एंटरप्रेन्योरशिप के प्रति भारतीय छात्रों की रुचि वैश्विक औसत से काफी अधिक है। भारतीय छात्रों का औसत स्कोर 7-पॉइंट स्केल पर 4.6 है, जबकि वैश्विक औसत सिर्फ 3.7 है। इतना ही नहीं, 38% भारतीय छात्र किसी न किसी रूप में एंटरप्रेन्योरशिप से जुड़े हुए हैं, जिनमें से 33% शुरुआती चरण में हैं, जो वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय छात्रों में एंटरप्रेन्योरशिप का जोश अपने चरम पर है और यह देश की आर्थिक तरक्की में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

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