
School Cinema International Film Festival 2025: देशभर के स्कूलों में बाल दिवस 2025 पर इस साल बच्चों को एक खास तोहफा मिलने वाला है। 14 नवंबर यानी बाल दिवस से लेकर 30 नवंबर तक देश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में स्कूल सिनेमा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SCIFF 2025) का आयोजन होगा। इसमें बच्चों को दुनिया भर की फिल्मों से रूबरू कराया जाएगा। इस फेस्टिवल में फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, किर्गिस्तान और यूएई समेत 25 देशों की 100 से ज्यादा चुनी हुई फिल्में दिखाई जाएंगी। आयोजन के दौरान 40,000 से अधिक सरकारी और 1,000 निजी स्कूलों में बच्चों को वर्ल्ड सिनेमा का अनुभव मिलेगा।
SCIFF (School Cinema International Film Festival) एक ऐसा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल है जो बच्चों को सिनेमा के जरिए सीखने, समझने और सोचने का नया नजरिया देता है। फेस्टिवल डायरेक्टर और LXL Ideas के फाउंडर सैयद सुल्तान अहमद के अनुसार SCIFF की शुरुआत एक बहुत सरल लेकिन मजबूत सोच से हुई कि सिनेमा सिर्फ एलीट क्लास या फिल्म फेस्टिवल तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हर बच्चे तक पहुंचना चाहिए। फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं हैं, बल्कि एक लर्निंग टूल हैं जो बच्चों को देखने, महसूस करने और सोचने का नया नजरिया देती हैं। उनके अनुसार अब भारत का कोई भी स्कूल SCIFF के जरिए अपना खुद का फिल्म फेस्टिवल आयोजित कर सकता है और बच्चों के लिए दुनिया की बेहतरीन कहानियां सीधे क्लासरूम तक ला सकता है।
सैयद सुल्तान अहमद के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में भी क्रिएटिव लर्निंग और विभिन्न माध्यमों से शिक्षा पर जोर दिया गया है, जिसमें सिनेमा को भी एक महत्वपूर्ण टूल माना गया है। उनके अनुसार SCIFF के जरिए हम ऐसी पीढ़ी तैयार करना चाहते हैं, जो फिल्मों को समझदारी से देखे, जिज्ञासा से सीखे और संवेदनशीलता से खुद को व्यक्त करे। हर फ्रेम एक क्लासरूम बन जाता है और हर कहानी जीवन का सबक देती है।
SCIFF 2025 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी पहचान मिल रही है। Annecy International Animation Film Festival (फ्रांस), AniMela Festival (भारत), Giffoni Film Festival (इटली) और ZERO PLUS International Film Festival (रूस) जैसे ग्लोबल फेस्टिवल्स ने SCIFF को सपोर्ट दिया है। इसके अलावा फ्रांस और स्पेन देश भी पार्टनर के रूप में जुड़े हैं।
SCIFF बच्चों को सिनेमा से जोड़ने के लिए WATCH, LEARN, MAKE फ्रेमवर्क पर काम करता है। जिसमें-
WATCH Cinema: स्कूलों को मिनी थिएटर में बदल दिया जाता है, जहां बच्चों के लिए उम्र के हिसाब से चुनी गई फिल्में दिखाई जाती हैं जो उन्हें सोचने और बातचीत के लिए प्रेरित करती हैं।
LEARN Cinema: बच्चों को फिल्ममेकिंग के बिहाइंड द सीन सिखाए जाते हैं, जैसे स्क्रिप्ट राइटिंग, कैमरा, साउंड और एडिटिंग पर वर्कशॉप्स। साथ ही, ऑनलाइन मास्टरक्लास के जरिए दूर-दराज के छात्रों को भी फिल्म शिक्षा दी जाती है।
MAKE Cinema: इसमें छात्र खुद फिल्म बनाकर अपनी रचनात्मकता दिखाते हैं और उन्हें अगले साल के फेस्टिवल में यूथ ज्यूरी का हिस्सा बनने का मौका भी मिलता है।
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पिछले साल SCIFF ने 23,000 से ज्यादा स्कूलों और 1 लाख से अधिक छात्रों को जोड़ा था। 2017 में शुरू हुए इस फेस्टिवल ने अब तक 10 मिलियन (1 करोड़) से ज्यादा बच्चों और 60,000 से अधिक स्कूलों तक अपनी पहुंच बनाई है। पहले इसे International Kids Film Festival (IKFF) के नाम से जाना जाता था। यह अब एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जो कला, शिक्षा और सामाजिक समझ को एक साथ जोड़ता है।
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