
Quddus Pativada Success Story: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का एजुकेशन सिस्टम बहुत ही तेजी से डेवलप हो रहा है। यह एक ऐसा देश बन चुका है, जहां का नेशनल करिकुलम AI ट्यूटर MyASI के साथ जुड़ा है। यह AI ट्यूटर किसी इंसान की तरह स्टूडेंट्स को गाइड कर सकता है और पढ़ा सकता है। इस क्रांति के पीछे हाथ है 21 साल के Quddus Pativada का जो खुद एक कॉलेज ड्रॉप आउट हैं। जानिए कौन है Quddus Pativada (कुद्दुस पाटिवाड़ा) जिन्होंने दुनिया का पहला AI ट्यूटर सिस्टम तैयार किया है।
कुद्दुस पाटिवाड़ा एक 21 साल के युवक हैं, जो दुबई में रहते हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम रख दिया था। जब वो स्कूल में पढ़ रहे थे। तभी उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। बाद में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर पूरी तरह से इसी पर ध्यान देना शुरू कर दिया। उनकी कंपनी का नाम है ASI और वो इसके फाउंडर और CEO हैं। उन्होंने अपनी 5 लोगों की टीम के साथ मिलकर 73,500 दिरहम खर्च करके MyASI को तैयार किया। शुरुआत में इस प्लेटफॉर्म का नाम था DigestAI, जो बाद में डेवलप होकर एक ट्यूटर प्लेटफॉर्म बन गया।
MyASI एक AI बेस्ड ट्यूटर सिस्टम है, जिसे खासतौर पर UAE में रहने वाले छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को होमवर्क, परीक्षा की तैयारी और सिलेबस कवर करने में मदद करना है। यह टूल इतना स्मार्ट है कि यह बच्चों के सवालों का जवाब सोच-समझ कर देता है और उन्हें समझने में भी मदद करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सिस्टम UAE के शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के साथ मिलकर बनाया गया है, यानी यह देश के ऑफिशियल सिलेबस से पूरी तरह मेल खाता है। इस तरह यह किसी देश के राष्ट्रीय पाठ्यक्रम से जुड़ा दुनिया का पहला AI ट्यूटर है। Quddus का बनाया ये ट्यूटर सिस्टम इतना इफेक्टिव है कि इसे दुनिया के टॉप AI एजेंट सिस्टम में गिना जा रहा है। खास बात ये है कि MyASI की परफॉर्मेंस OpenAI के Genspark से भी बेहतर मानी जा रही है।
2023 में MyASI ने 40 लाख से ज्यादा छात्रों के सवालों के जवाब दिए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये टूल कितना पॉपुलर हो चुका है और छात्रों की पढ़ाई में कितना उपयोगी साबित हो रहा है।
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AI ट्यूटर एक ऐसा डिजिटल लर्निंग टूल होता है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छात्रों को पढ़ाई में पर्सनलाइज्ड गाइडेंस देता है। यह बच्चों की जरूरतों को समझकर उनके हिसाब से कंटेंट देता है और उन्हें सीखने में आसान बनाता है। ये टूल डेटा एनालिसिस, रीजनिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसी क्षमताओं के साथ काम करता है।
खलीजटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कुद्दुस पाटिवाड़ा का लक्ष्य है कि वह मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial & Human Intelligence) के सही संतुलन से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएं। उनका मानना है कि तकनीक का सही उपयोग करके हर छात्र को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है, चाहे वो कहीं भी क्यों न हो।
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