Success Story: UPSC रैंक 13 पाने के बाद भी IAS नहीं बनीं विदुषी सिंह, चुनी IFS सर्विस, जानें क्यों

Published : Jul 18, 2025, 07:11 PM ISTUpdated : Jul 18, 2025, 07:13 PM IST
Vidushi Singh UPSC Success Story

सार

Vidushi Singh UPSC Success Story: जोधपुर की विदुषी सिंह की यूपीएससी सक्सेस स्टोरी हर युवा के लिए एक मिसाल है। मात्र 21 साल की उम्र में उन्होंने UPSC क्लियर कर 13वीं रैंक हासिल की। आसानी से IAS ऑफिसर बन सकती थीं, लेकिन उन्होंने IFS को चुना। जानिए

Success Story: UPSC की तैयारी करने वाले ज्यादातर युवाओं का सपना IAS या IPS बनने का होता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी अलग राह चुनते हैं। ऐसी ही एक मिसाल हैं जोधपुर की विदुषी सिंह, जिन्होंने UPSC क्रैक कर ऑल इंडिया 13वीं रैंक हासिल की। इस रैंक के साथ वह आसानी से IAS ऑफिसर बन सकती थीं। लेकिन उन्होंने IFS (भारतीय विदेश सेवा) को अपनी मंजिल चुना। जानिए कौन हैं IFS ऑफिसर विदुषी सिंह और आखिर उन्होंने IAS की जगह विदेश सेवा को क्या चुना। 

कौन हैं IFS ऑफिसर विदुषी सिंह

विदुषी सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ, लेकिन उनका बचपन राजस्थान के जोधपुर में बीता। बचपन से ही वे पढ़ाई में तेज थीं और उन्हें कुछ अलग करने की चाह थी। विदुषी सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से इकनॉमिक्स ऑनर्स किया। उन्होंने UPSC की तैयारी कॉलेज के दिनों में ही शुरू कर दी थी। खास बात ये है कि इस कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया, बल्कि पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी से की।

21 साल की उम्र में UPSC क्लियर, 13वीं रैंक

विदुषी सिंह ने अपने कॉलेज टाइम को सही तरीके से मैनेज करते हुए NCERT और जरूरी किताबों से पढ़ाई शुरू की। उन्होंने इकनॉमिक्स को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर चुना। कड़ी मेहनत और अनुशासन की बदौलत उन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC एग्जाम क्लियर कर लिया। तब उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी।

ये भी पढ़ें- IB ACIO Recruitment 2025: 3717 सरकारी पदों पर भर्ती, कोई भी ग्रेजुएट कर सकता है आवेदन, सैलरी दमदार

विदुषी सिंह ने क्यों चुना IAS की जगह IFS

UPSC क्रैक करने वाले ज्यादातर टॉपर्स जहां IAS का ऑप्शन चुनते हैं, वहीं विदुषी सिंह ने अपनी अलग राह चुनी। उन्होंने अपने दिल की सुनी और IFS को चुना। उनके इस फैसले के पीछे उनके दादा-दादी का सपना भी था, जो उन्हें विदेशों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना चाहते थे।

IFS ऑफिसर विदुषी सिंह की UPSC प्रिपरेशन स्ट्रेटजी

विदुषी सिंह मानती हैं कि UPSC जैसी परीक्षा में रेगुलर प्रैक्टिस, मॉक टेस्ट और लगातार रिवीजन से ही सफलता मिल सकती है। प्लानिंग और टाइम मैनेजमेंट सबसे जरूरी हथियार हैं।

ये भी पढ़ें- इंजीनियर्स के लिए तगड़ी सैलरी वाली 6 सरकारी नौकरियां, 1.50 लाख रुपए तक मंथली

PREV
AT
About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
Read more Articles on

Recommended Stories

कौन थी सिमोन टाटा? जानिए रतन टाटा की सौतेली मां की शानदार उपलब्धियां
BPSC AEDO Salary: बिहार असिस्टेंट एजुकेशन डेवलपमेंट ऑफिसर को कितनी सैलरी मिलेगी?