Harvard के विदेशी छात्र बोले- ट्रंप का बैन सजा जैसा, हमने क्या गलती की?

Published : May 29, 2025, 12:41 PM IST
Harvard University why popular among foreigner students

सार

Donald Trump Harvard Student Ban: ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी है, जिससे कई छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। कजाखिस्तान के एक छात्र ने इस फैसले को 'सजा' बताया है और कहा है कि इससे उनका करियर प्रभावित होगा।

Donald Trump Harvard Student Ban: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप प्रशासन ने Student and Exchange Visitor Program (SEVP) के तहत हार्वर्ड को विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अनुमति वापस ले ली है। इस फैसले के बाद कई स्टूडेंट्स का करियर अधर में लटक गया है, खासतौर पर वो छात्र जो अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं नौकरी करना चाहते थे।

Harvard foreign students statement: ‘हमने तो कुछ किया ही नहीं... फिर सजा क्यों?’

कजाखिस्तान के छात्र सुल्तानअली नुर्मानुली, जिन्होंने हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की डिग्री हासिल की है। एनडी टीवी की खबर के अनुसार उन्होंने कहा, यह फैसला सजा जैसा लग रहा है। बाकी स्कूलों की कुछ गतिविधियों पर आपत्ति थी, लेकिन हार्वर्ड के प्रशासन के कुछ फैसलों के कारण यह बैन आया है। इसका असर हम जैसे छात्रों पर क्यों? उन्होंने आगे कहा, “मैं राजनीति से दूर रहा हूं। फिर भी मुझे इसकी सजा क्यों मिल रही है? स्टूडेंट वीजा पाना और यहां पढ़ाई करना एक सौभाग्य है, लेकिन यह कार्रवाई हमें हाशिए पर डाल रही है।”

Harvard OPT visa problem: OPT प्रोग्राम भी खतरे में

सुल्तानअली का कहना है कि उन्होंने अमेरिका में रुककर OPT (Optional Practical Training) प्रोग्राम के तहत काम करने की योजना बनाई थी। इस प्रोग्राम से उन्हें बिना H1B वर्क वीजा के तीन साल तक अमेरिका में काम करने की अनुमति मिलती। लेकिन अगर इंटरनेशनल स्टूडेंट वीजा रद्द होता है, तो OPT की मंजूरी भी रद्द हो जाएगी।

Harvard के नए स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा परेशान

उन्होंने बताया कि हार्वर्ड ने नए स्टूडेंट्स को पहले ही ईमेल भेजकर सतर्क कर दिया था कि वीजा में दिक्कत हो सकती है, इसलिए दूसरी यूनिवर्सिटी में भी आवेदन कर दें। उन्होंने कहा, जो छात्र अभी एडमिशन ले रहे हैं, उनके लिए हालात और भी मुश्किल हैं।

छात्र ने बताया कैसा रहा हार्वर्ड का अनुभव?

नुर्मानुली ने बताया कि शुरुआत में उन्हें कल्चर शॉक जरूर लगा, लेकिन हार्वर्ड का माहौल काफी ओपन और सपोर्टिव रहा। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या कम जरूर है, लेकिन माहौल बेहतर था।

Trump vs Harvard: टकराव की वजह क्या है?

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में हार्वर्ड पर $2.2 बिलियन की फंडिंग रोक दी थी। इसके बाद हार्वर्ड को इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दाखिला देने से मना कर दिया गया। प्रशासन ने कुछ शर्तें रखीं जिन्हें हार्वर्ड ने मानने से इनकार कर दिया। फिर ट्रंप सरकार ने कड़ा कदम उठाया और यूनिवर्सिटी की अधिकारिता छीन ली।

हार्वर्ड की प्रतिक्रिया क्या रही?

इस कार्रवाई के बाद हार्वर्ड ने कहा, हम पूरी तरह से इस कदम को गैरकानूनी मानते हैं। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और स्कॉलर्स की मौजूदगी हमारे शैक्षणिक माहौल को समृद्ध बनाती है। यह कदम हमारे रिसर्च और एकेडमिक मिशन के खिलाफ है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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