UGC NET एग्जाम रद्द मामले में सोशल मीडिया पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाओं की बाढ़, सरकार पर साधा निशाना

UGC-NET June 2024 exam cancelled social media reactions: यूजीसी नेट जून एग्जाम 2024 रद्द किये जाने के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। जानें किसने क्या कहा?

UGC-NET June 2024 exam cancelled social media reactions: शिक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार शाम यूजीसी-नेट को रद्द करने के बाद विपक्षी नेताओं की एक के बाद एक प्रतिक्रिया समाने आ रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि "परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया होगा"। 

मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेट के साथ नीट का मामला भी उठाया

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेट परीक्षा के साथ ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG में अनियमिता को लेकर भी सरकार पर हमला किया है। एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि नरेंद्र मोदी जी, आप परीक्षाओं पर बहुत चर्चा करते हैं, लेकिन आप 'नीट परीक्षा पर चर्चा' कब करेंगे। यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करना लाखों छात्रों के जुनून की जीत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, यह मोदी सरकार के अहंकार की हार है जिसके कारण उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को कुचलने का घृणित प्रयास किया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पहले कहा कि एनईईटी में कोई पेपर लीक नहीं हुआ, लेकिन जब बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा माफिया गिरफ्तार किये गये, तो मंत्री स्वीकार करते हैं कि कुछ घोटाला हुआ है। उन्होंने पूछा कि नीट परीक्षा कब रद्द होगी? खड़गे ने आगे कहा, "मोदी जी, NEET परीक्षा में भी अपनी सरकार की धांधली और पेपर लीक को रोकने की जिम्मेदारी लीजिए।"

 

 

प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र पर हमला बोला, कहा जवाबदेही तय करें

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को "पेपर लीक सरकार" करार दिया और पूछा है कि क्या शिक्षा मंत्री अब जिम्मेदारी लेंगे। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूजीसी-नेट 2024 को लेकर केंद्र पर हमला बोला और जवाबदेही तय करने को कहा। उन्होंने कहा भाजपा सरकार का लीकतंत्र व लचरतंत्र युवाओं के लिए घातक है। NEET परीक्षा में हुए घपले की खबरों के बाद अब 18 जून को हुई NET की परीक्षा भी गड़बड़ियों की आशंका के चलते रद्द की गई। क्या अब जवाबदेही तय होगी? क्या शिक्षा मंत्री इस लचरतंत्र की जिम्मेदारी लेंगे?। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- कल देश के विभिन्न शहरों में यूजीसी-नेट परीक्षा आयोजित की गई थी। आज पेपर लीक के संदेह में परीक्षा रद्द कर दी गई। पहले नीट का पेपर लीक हुआ और अब यूजीसी-नेट का पेपर। मोदी सरकार 'पेपर लीक सरकार' बन गई है।

 

 

देश के खिलाफ बड़ी साजिश: अखिलेश यादव

नेट एग्जाम कैंसिल होने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ''देश के खिलाफ किसी की बड़ी साजिश'' का संदेह है। उन्होंने एक्स पर लिखा नीट और अब अनियमितताओं की खबर के बाद यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। भाजपा राज में पेपर माफिया एक के बाद एक हर परीक्षा में धांधली कर रहे हैं। यह देश के खिलाफ किसी की बड़ी साजिश भी हो सकती है। “गहरे अर्थ को समझें:- अगर पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया तो कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरेगी। जिससे देश व प्रदेश में अशांति व अस्थिरता रहेगी। - अगर NEET परीक्षा में फर्जीवाड़ा हुआ तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और भविष्य में देश के लोगों के इलाज करने के लिए डॉक्टरों की और कमी हो जाएगी और बेईमान लोग लोगों की जान के लिए खतरा बन जाएंगे। - यूजीसी-नेट परीक्षा न होने से पहले से चली आ रही शिक्षकों की कमी और भी बढ़ जाएगी। शिक्षकों की कमी से देश का मानसिक विकास बाधित होगा, जो आगे चलकर देश के लिए बेहद घातक साबित होगा। “…यह हमारे देश के प्रशासन और मानव संसाधन के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश हो सकती है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम होंगे। इसलिए कोर्ट की निगरानी में इसकी सख्ती से जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाना चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा हो या उसके ऊपर कितनी भी ताकत हो,'' उन्होंने कहा।

 

 

शिवसेना (यूबीटी) ने बताया ‘शिक्षा आपातकाल’

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर पोस्ट किया, आरोप लगाया कि राष्ट्रीय परीक्षाओं को निष्पक्ष रूप से आयोजित करने में बार-बार और पूर्ण विफलता एनटीए की अक्षमता को उजागर करती है। यह एक शिक्षा आपातकाल है और उन लाखों छात्रों को भी निराश करता है जो लगन से इन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ,यह न भूलें कि वे किस मानसिक दबाव से गुजरते हैं। रद्द करना समाधान नहीं है, सरकार और एनटीए की जवाबदेही है। युवा छात्रों और उनके करियर के प्रति यह पूर्ण उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र के आदेश पर शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की. “शिक्षा आपातकाल। लेकिन केंद्र सरकार को लाखों छात्रों की कोई परवाह नहीं है। वे केवल पीआर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

 एनएसयूआई की ओर से एनटीए बैन की मांग

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने एनटीए के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की छात्र शाखा एनएसयूआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस घटनाक्रम ने एक बार फिर एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं की अखंडता और सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताओं को उजागर किया है। एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने शिक्षा मंत्री से एनटीए पर प्रतिबंध लगाने और उसके अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने सहित तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने लिखा "हमने एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा प्रक्रियाओं में खामियों और कमजोरियों को बार-बार इंगित किया है। यूजीसी-नेट परीक्षा का हालिया समझौता उनकी विफलता का सिर्फ एक और उदाहरण है। अब समय आ गया है कि शिक्षा मंत्री जिम्मेदारी से कार्य करें और छात्रों की रक्षा करें।

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