यूपी की बेटी ने जब यूपी पीएससी में 21वीं रैंक लाई तब माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उन्होंने बताया कि बेटी पढ़ने के लिए कभी घंटे नहीं गिनती थी, उसे तो बस मेहनत करना था और इसी में उसका भरोसा भी था। जिसका रिजल्ट आज सबसे सामने है।
करियर डेस्क : मेहनत का कोई तोड़ नहीं होता है..ये शब्द हैं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा की बेटी ज्योति चौरसिया (Jyoti Chaurasiya) के...जिन्होंने हाल ही में आए यूपीपीएससी रिजल्ट (UPPSC Result 2022) में 21वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ पिता का नाम रोशन कर दिया बल्कि यह भी बता दिया कि अगर कुछ भी ठान लिया जाए तो मुश्किल से मुश्किल हालात भी रास्ता नहीं रोक सकते हैं। ज्योति ने भी आर्थिक तंगी और मुश्किल हालत में पढ़ाई की और बिना किसी चीज की परवार किए अपनी स्टडी पर फोकस किया। रिजल्ट हर किसी के सामने है। वह SDM बनने जा रही हैं। आइए जानते हैं ज्योति चौरसिया की सक्सेस स्टोरी (Jyoti Chaurasiya Success Story)...
पान की दुकान चलाते हैं पिता
ज्योति चौरसिया का घर गोंडा जिले में है। उनके पिता की एक छोटी सी पान की दुकान है। मीडिया से बातचीत करते हुए उनके पिता ने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं थए कि बेटी को अच्छे स्कूल से पढ़ाया जा सके। घर की माली हालात कुछ ठीक नहीं थी लेकिन उनकी बिटिया बचपन से ही होशियार थी और उसने मुश्किल हालात में भी चमत्कार कर दिखाया है। घर पर पैसों की तंगी है, इसी कारण से उनके बेटे पढ़ाई छोड़कर दुकान पर काम करते हैं। हालांकि बेटी पढ़ने में काफी अच्छी थी। उसका मन पढ़ाई में लगता था, तो पूरी फैमिली ने सपोर्ट किया।
5 बार हार लेकिन नहीं हुई निराश
ज्योति चौरसिया को परिवार का सपोर्ट मिला तो उन्होंने भी उन्हें निराश नहीं किया और मन लगाकर पढ़ाई करती रहीं। पहली बार सफलता नहीं मिली। दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी बार भी हाथ कुछ नहीं आया लेकिन ज्योति ने हार नहीं मानी और हौसले को बनाए रखा। इस दौरान परिवार ने भी उनसे कुछ नहीं कहा और आखिरकार 6वीं बार जब ज्योति ने परीक्षा दिया तो उनका कॉन्फिडेंस पहले से कहीं ज्यादा था। यूपी पीसीएएस का रिजल्ट आया तो उनकी रैंक 21वीं थी। जिसके बाद पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ज्योति को एसडीएम पत मिला है और परिवार की मन की मुराद पूरी हो गई है।
मेहनत का कोई तोड़ नहीं
ज्योति यूपीपी एससी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को सफलता का मंत्र देते हुए कहती हैं कि अगर असफलता से हारकर बैठ जाएं तो कुछ भी हाथ नहीं मिलता। इसलिए बार-बार हारने के बाद भी उठ खड़ें होना चाहिए और खूब मेहनत करनी चाहिए क्योंकि मेहनत का कोई तोड़ नहीं होता है।
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