
UPSC (Union Public Service Commission) के इंटरव्यू में अक्सर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो न केवल आपकी नॉलेज की गहराई को परखते हैं, बल्कि आपकी सोचने की क्षमता को भी जांचते हैं। ये सवाल करंट अफेयर्स, इतिहास, भूगोल, पॉलिटी, विज्ञान, और लॉजिक जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित होते हैं। UPSC के इंटरव्यू में असली दिमागी खेल तब नजर आता है जब आपको तर्क, विश्लेषण और सही दिशा में सोचने की चुनौती दी जाती है। यहां हैं ऐसे ही यूपीएससी इंटरव्यू के 10 ट्रिकी सवाल।
Answer: ‘मेक इन इंडिया’ विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए है, जबकि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का उद्देश्य स्वदेशी उत्पादन और विकास को बढ़ावा देना है।
Answer: पृथ्वी का अक्ष 23.5 डिग्री झुका हुआ है, जिससे ग्रीष्मकाल में सूर्य की किरणें लगातार पड़ती हैं और सर्दियों में सूर्य की रोशनी नहीं मिलती।
Answer: क्वांटम कंप्यूटिंग में क्यूबिट्स होते हैं, जो एक साथ कई स्थितियों में हो सकते हैं, जबकि पारंपरिक कंप्यूटर में बाइनरी बिट्स होते हैं, जो केवल एक स्थिति में रहते हैं।
Answer: आप सूर्य की दिशा का उपयोग करेंगे। सूर्योदय और सूर्यास्त की दिशा से आप अपने चारों ओर के स्थान का अनुमान लगा सकते हैं। सूर्य हमेशा पूर्व से पश्चिम की ओर चलता है, इसलिए आप उस दिशा का ध्यान रखते हुए अपनी राह तय कर सकते हैं।
Answer: उत्तराखंड। यह राज्य हिमालय की तलहटी में स्थित है और यहां के भूगोल और टेक्टोनिक प्लेट्स के कारण यहां भूकंप के झटके काफी अधिक महसूस होते हैं।
Answer: विमान की खिड़की खोलने से हवा के दबाव में भारी बदलाव आता है, जिससे अंदर का दबाव बाहर के दबाव के बराबर हो जाएगा। इस स्थिति में अंदर की चीजें बाहर उड़ सकती हैं और यह एक अत्यधिक खतरनाक स्थिति होगी।
Answer: नॉर्वे। नॉर्वे में एक क्षेत्र है, जहां गर्मियों में सूर्य 24 घंटे ऊपर रहता है। यह स्थिति 'मिडनाइट सन' के नाम से जानी जाती है।
Answer: नमक सत्याग्रह। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक मील का पत्थर साबित हुआ था। यह आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्य के नमक कानून के खिलाफ था और इसे महात्मा गांधी ने 1930 में लीड किया था।
Answer: आपको पहले कोई भी मोजा पहनना होगा, क्योंकि दोनों का रंग आपके लिए मायने नहीं रखेगा। अंधेरे कमरे में आप सिर्फ एक मोजा चुनेंगे और यह महत्वपूर्ण नहीं होगा कि वह काले रंग का है या सफेद।
Answer: अगर पृथ्वी पर एक दिन 72 घंटे हो जाएं, तो जीवन की गति धीमी हो सकती है। यह बदलाव जीवन के हर पहलू में बदलाव ला सकता है, जैसे काम करने का समय, लोगों की दिनचर्या, मौसम आदि। यह एक कल्पना से परे बात है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इससे पृथ्वी की घूर्णन गति में भी बदलाव होगा।