
Adiba Anam UPSC Success Story: यूपीएससी परीक्षा में हर साल लाखों स्टूडेंट्स अपनी किस्मत आजमाते हैं लेकिन सफलता केवल कुछ को ही मिलती है। इस परीक्षा में सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ स्मार्ट स्ट्रेटजी और धैर्य की भी जरूरत होती है। जानिए ऐसी ही एक यूपीएससी सफलता की कहानी, जो है महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला IAS अधिकारी की। जो एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी हैं और अपने दम पर UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास कर एक मिसाल बन गईं। जानिए कैसे अदिबा अनम ने अपने सपनों को हकीकत में बदला।
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले की रहने वाली अदिबा अनम का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। उनके पिता अशफाक शेख एक ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी बेटी की पढ़ाई को पैसों की कमी से रुकने नहीं दिया। अदिबा कहती हैं, "मेरे मां-बाप ने कभी पैसों की कमी को बहाना नहीं बनने दिया। वो हमेशा कहते थे कि पढ़ाई हर दरवाजा खोल सकती है।
अदिबा ने पुणे के एक कॉलेज से गणित में ग्रेजुएशन किया और फिर UPSC की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि पहले दो प्रयासों में उन्हें असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय और ज्यादा मेहनत की। तीसरे प्रयास में उन्होंने UPSC CSE 2024 में ऑल इंडिया रैंक 142 हासिल कर ली और IAS अधिकारी बन गईं।
इस उपलब्धि के साथ अदिबा ने इतिहास रच दिया। वो महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला बन गईं, जिन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में स्थान पाया। रिजल्ट आने के बाद अदिबा भावुक होकर रो पड़ीं और कहा, "ये सिर्फ मेरी जीत नहीं है, बल्कि हर उस लड़की की जीत है जो सपने देखने की हिम्मत रखती है।"
अदिबा का सपना सिर्फ IAS बनना नहीं था, बल्कि एक ईमानदार अफसर बनकर समाज में बदलाव लाना था। बचपन में वो अपने मामा के NGO में जाती थीं, जहां उन्होंने कई IAS अधिकारियों को शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करते देखा। वहीं से उन्होंने ठान लिया कि उन्हें भी ऐसा ही कुछ करना है।
अदिबा अब हेल्थ, एजुकेशन और वुमेन एम्पावरमेंट जैसे सेक्टर्स में काम करना चाहती हैं। उनका कहना है, "मैं चाहती हूं कि कोई भी लड़की अपने सपनों को सिर्फ इसलिए न छोड़े क्योंकि वो कहां पैदा हुई या उसके पास कितना पैसा है।"
उनकी सफलता के बाद यवतमाल में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग उनके घर पहुंचकर पिता अशफाक शेख को बधाई देने लगे। उनके पिता गर्व से कहते हैं, “उसने हमेशा अपनी जिंदगी से बड़े सपने देखे, अब वो औरों के सपनों को भी साथ लेकर चलेगी।”