UPSC Success Story: मजदूर मां की बेटी, 21 साल की उम्र में यूपीएससी क्रैक कर IPS, फिर IAS बनी दिव्या तंवर

Published : Aug 19, 2025, 07:14 PM IST
IAS Divya Tanwar UPSC success story

सार

UPSC Success Story: दिव्या तंवर को जिंदगी के शुरुआती दिनों में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। बचपन में ही पिता का निधन हो गया। मां ने मजदूरी कर पढ़ाया। जानिए परेशानियों से लड़ते हुए दिव्या तंवर ने कैसे पहली बार में ही UPSC में सफलता हासिल की।

IAS Divya Tanwar UPSC Success Story: सिविल सेवा परीक्षा (CSE) भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है, जिसे यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) आयोजित करता है। इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए सिर्फ ज्ञान ही नहीं, बल्कि विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता और आत्म-अनुशासन भी बहुत जरूरी हैं। यूपीएससी सफलता के ऐसे ही कई प्रेरक उदाहरणों में से एक हैं दिव्या तंवर, जिनकी कहानी से हर UPSC उम्मीदवार को सीख लेनी चाहिए।

कौन हैं दिव्या तंवर? मां ने मजदूरी कर पढ़ाया

दिव्या तंवर का सफर छोटे गांव निंबी, महेंद्रगढ़, हरियाणा से शुरू हुआ। उनका जीवन हमेशा आसान नहीं रहा। 2011 में उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कठिन हो गई। दिव्या की मां बबिता तंवर ने खेतों में मजदूरी और सिलाई करके अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाया। उनके सपोर्ट और मेहनत ने दिव्या को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

दिव्या तंवर का एजुकेशन और UPSC की तैयारी

दिव्या ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूलों में की और फिर एंट्रेंस एग्जाम पास कर नवोदय विद्यालय में एडमिशन लिया। यहां उनकी लगन और प्रतिभा साफ नजर आई। साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद, दिव्या ने UPSC CSE की तैयारी शुरू की। अन्य उम्मीदवारों की तरह वह किसी बड़े कोचिंग संस्थान पर निर्भर नहीं रहीं। दिव्या ने ऑनलाइन सोर्स और मॉक टेस्ट सीरीज का इस्तेमाल कर खुद को तैयार किया। उनकी खुद को तैयार करने की इस स्ट्रेटजी उन्हें सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पहली कोशिश में मिली UPSC में सफलता, 21 साल की उम्र में बनी IPS ऑफिसर

दिव्या ने 2021 में अपनी पहली कोशिश में UPSC CSE दी। सिर्फ 21 साल की उम्र में उन्होंने All India Rank (AIR) 438 हासिल किया और भारत की सबसे युवा IPS अधिकारियों में शामिल हुईं। पहली बार में उन्होंने लेखन परीक्षा में 751 अंक और पर्सनैलिटी टेस्ट में 179 अंक प्राप्त किए, कुल मिलाकर 930 अंक मिले। वह EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कैटेगरी से थीं।

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दूसरी बार में पूरा किया IAS बनने का सपना

पहली सफलता के बाद भी दिव्या ने अपने लक्ष्य को और ऊंचा रखा। उन्होंने लगातार मेहनत जारी रखी और 2022 में UPSC CSE की परीक्षा दोबारा दी। इस बार उन्होंने AIR 105 हासिल की और IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। दूसरी बार में उनके लिखित परीक्षा में 834 अंक और पर्सनैलिटी टेस्ट में 160 अंक आए, कुल 994 अंक मिले।

मणिपुर कैडर की IAS ऑफिसर हैं दिव्या तंवर

दिव्या तंवर मणिपुर कैडर में IAS अधिकारी के रूप में सेवा दे रही हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि आर्थिक कठिनाइयां और सीमित संसाधन सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकते। दिव्या का सफर हर युवा UPSC उम्मीदवार के लिए प्रेरक है, जो दिखाता है कि लगन, आत्म-अनुशासन और निरंतर प्रयास किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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