US Tariff Trouble 2025: अमेरिकी टैरिफ से भारत में 3 लाख नौकरियों पर खतरा, जानें किस सेक्टर पर ज्यादा असर

Published : Aug 18, 2025, 11:34 AM IST
us tariffs impact on indian jobs

सार

Textile and Gems Job Loss India: अमेरिका के नए टैरिफ से भारत की टेक्सटाइल, जेम्स और MSME इंडस्ट्री को नुकसान होने की संभावना है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि ऐसा हुआ तो लाखों की संख्या में नौकरियां जा सकती हैं। जानिए पूरी डिटेल।

US tariffs Impact on Indian Jobs: यूएस के नए टैरिफ रूल के कारण भारत के कुछ सेक्टर्स में जॉब्स के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। अमेरिका ने भारतीय निर्यात (Exports) पर नए टैरिफ यानी आयात शुल्क लगा दिए हैं। अब इसका सीधा असर देश की कई बड़ी इंडस्ट्रीज पर देखने को मिल सकता है। खासकर टेक्सटाइल (कपड़ा उद्योग) और जेम्स-एंड-ज्वैलरी (हीरे-रत्न उद्योग) जैसे सेक्टर, जिनमें लाखों लोग काम करते हैं, सबसे ज्यादा खतरे में बताए जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगर ये हालात लंबे समय तक बने रहे तो करीब 3 लाख तक नौकरियां दांव पर लग सकती हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अपनी घरेलू मांग और दूसरे देशों से बढ़ती व्यापारिक साझेदारी इस नुकसान को कुछ हद तक कम कर सकती है।

US Trade Policy Impact on India: किन सेक्टरों में सबसे ज्यादा असर?

आर. पी. यादव, फाउंडर और CMD, जीनियस HRTech, का कहना है कि अमेरिका के इस कदम का सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, एग्रीकल्चर और जेम्स-ज्वैलरी सेक्टर पर पड़ेगा। टेक्सटाइल सेक्टर में ही अकेले करीब 1 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। गुजरात का सूरत और मुंबई का SEEPZ, जो देश के बड़े जेम्स हब हैं, वहां भी रोजगार पर संकट गहराने की संभावना है। इन इंडस्ट्रीज में ज्यादातर MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) काम करते हैं, इसलिए सबसे बड़ी मार इन्हीं पर पड़ेगी।

US India Trade War: क्या घरेलू मांग बचा लेगी नौकरियां?

टाइमनाउन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार टीमलीज सर्विसेज के एसवीपी, बालासुब्रमणियन अनंथा नारायणन, इस मामले पर थोड़े पॉजिटिव नजर आते हैं। उनका कहना है कि अभी तक देश में कहीं भी नौकरियों में गिरावट या बड़ी मंदी के संकेत नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि भारत से अमेरिका को कुल 87 अरब डॉलर का निर्यात होता है, जो कि देश की GDP का सिर्फ 2.2% है। यानी भारत की पूरी अर्थव्यवस्था पर इसका बोझ उतना बड़ा नहीं होगा। इसके अलावा, भारत ने हाल ही में यूके के साथ FTA (मुक्त व्यापार समझौता) किया है, जिससे नए बाजार खुलेंगे और नुकसान की भरपाई हो सकती है।

अमेरिका की नई टैरिफ से और कौन-कौन से सेक्टर पर ज्यादा असर?

CIEL HR के सीईओ, आदित्य मिश्रा, का कहना है कि सिर्फ टेक्सटाइल और ज्वैलरी ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, लेदर, फुटवियर, झींगा (श्रिम्प) और इंजीनियरिंग गुड्स जैसी इंडस्ट्रीज भी अनिश्चितता का सामना कर रही हैं। फार्मा सेक्टर पर सीधा टैरिफ नहीं लगा है, लेकिन वहां भी कच्चा माल महंगा होने की वजह से दबाव बढ़ रहा है।

हालात से कैसे निपट रही हैं कंपनियां ?

मिश्रा का कहना है कि कंपनियां पहले से ही कॉस्ट कटिंग पर फोकस कर रही हैं। नई भर्तियां रोक दी गई हैं। प्रोडक्शन कम किया जा रहा है। गैर-जरूरी खर्च घटाए जा रहे हैं। कांट्रैक्ट और टेंपरेरी वर्कर्स पर दबाव बढ़ गया है। इसका सीधा असर फैक्ट्री वर्कर्स, कारीगरों, सेल्स स्टाफ और लॉजिस्टिक्स वर्कर्स पर पड़ सकता है।

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आईटी सेक्टर पर भी असर की आशंका

मिश्रा ने चेतावनी दी कि अगर हालात ज्यादा खिंच गए तो आईटी सेक्टर और GCC (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स) पर भी असर हो सकता है। पहले से ही आईटी हायरिंग धीमी है, ऐसे में लंबे समय तक तनाव रहने से रिकवरी और मुश्किल हो सकती है। अभी यह कहना मुश्किल है कि अमेरिकी टैरिफ का भारतीय नौकरियों पर कितना बड़ा असर होगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि करीब 3 लाख नौकरियां खतरे में हैं, जबकि कुछ का मानना है कि भारत की घरेलू मांग और नए व्यापार समझौते हालात को संभाल सकते हैं। लेकिन इतना तय है कि अमेरिका से जुड़े सेक्टर, खासतौर पर टेक्सटाइल और जेम्स-ज्वैलरी, आने वाले समय में सबसे कठिन दौर से गुजर सकते हैं।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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