UPSC परीक्षाओं में आधार Authentication क्या है, कैसे काम करेगा?

What is Aadhaar-based authentication: केंद्र सरकार ने UPSC परीक्षाओं में आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन को मंजूरी दे दी है। इसमें उम्मीदवारों की पहचान को रजिस्टर्ड करने से लेकर परीक्षा के विभिन्न चरणों तक वेरिफाई करने के लिए आधार कार्ड का उपयोग होगा।

Anita Tanvi | Published : Aug 30, 2024 5:50 AM IST / Updated: Aug 30 2024, 11:29 AM IST

What is Aadhaar-based authentication: केंद्र सरकार ने UPSC को परीक्षाओं के संचालन के दौरान आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन की अनुमति दी है। ऐसे में UPSC उम्मीदवारों के मन में आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जानिए UPSC आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन क्या है और यह कैसे काम करेगा।

क्या है आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन?

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आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन एक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति के 12 अंकों के आधार नंबर और उसके साथ जुड़ी बायोमेट्रिक या डेमोग्राफी इंफॉर्मेशन का उपयोग करके उसकी पहचान की जाती है। यह सत्यापन प्रक्रिया ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से की जाती है, जिससे आधार धारक की पहचान को तुरंत और कहीं भी सत्यापित किया जा सकता है।

UPSC परीक्षाओं में आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन का क्या मतलब है?

केंद्र सरकार ने UPSC को आधार ऑथेंटिकेशन की अनुमति दी है, जिससे उम्मीदवारों की पहचान को पंजीकरण से लेकर विभिन्न परीक्षा चरणों तक सत्यापित किया जा सके। यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इसमें "हां/नहीं" या ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया जाएगा।

UPSC परीक्षाओं में आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन की संभावित प्रक्रिया

UPSC ने जुलाई 2024 में एक टेंडर नोटिस जारी किया था, जिसमें आधार-आधारित फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन, डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग, और फेसियल रिकग्निशन को शामिल करने की इच्छा व्यक्त की थी। इसके अलावा ई-एडमिट कार्ड के क्यूआर कोड को स्कैन करना और लाइव एआई-आधारित सीसीटीवी वीडियो निगरानी का उपयोग भी शामिल है।

आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन कितने तरह के

जनसांख्यिकीय ऑथेंटिकेशन (Demographic authentication): इसमें आपके नाम, पते, जन्मतिथि जैसी जानकारी का सत्यापन होता है।

वन-टाइम पिन (OTP) ऑथेंटिकेशन: आपके मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP के माध्यम से आपकी पहचान की पुष्टि की जाती है।

बायोमेट्रिक-आधारित ऑथेंटिकेशन: इसमें आपकी उंगलियों के निशान या आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग द्वारा सत्यापन किया जाता है।

मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: इसमें ऊपर बताये गये तरीकों का कॉम्बिनेशना होता है।

UPSC परीक्षाओं में आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन कैसे हो सकता है?

आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन: क्या Khedkar विवाद का परिणाम?

यह कदम उस समय उठाया गया है जब पूर्व प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर के मामले को लेकर विवाद हो रहा है। उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और गलत कोटे का उपयोग करने का आरोप है। यह विवाद आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना देता है।

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