सीबीएसई ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए ओपन-बुक एग्जाम का सुझाव दिया है। इससे पहले भी सीबीएसई ने 2014-15 से 2016-17 तक तीन वर्षों के लिए कक्षा 9 और 11 की परीक्षाओं के लिए ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (ओटीबीए) का प्रयोग किया था। जानिए
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की सिफारिशों के अनुरूप केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए ओपन बुक एग्जाम (ओबीई) पर विचार करने का प्रस्ताव दिया है। जानिए ओपन बुक एग्जाम क्या है? कैसे काम करता है?
चयनित स्कूलों में ओपन-बुक टेस्ट का पायलट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसई ने इस साल के अंत में कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, मैथ्स और साइंस और कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, मैथ्स और बायोलॉजी के लिए चयनित स्कूलों में ओपन-बुक टेस्ट का एक पायलट प्रोग्राम चलाने का सुझाव दिया है। यह प्रतिक्रिया और छात्रों द्वारा ऐसे टेस्ट को पूरा करने में लगने वाले समय को जानने के लिए प्रस्तावित किया गया था।
सीबीएसई पहले भी कर चुका है यह प्रयोग, मिला था निगेटिव रिएक्शन
सीबीएसई की ओर से पहले भी ओटीबीए का प्रयोग किया जा चुका है। जब सीबीएसई ने 2014-15 से 2016-17 तक तीन वर्षों के लिए कक्षा 9 और 11 की परीक्षाओं के लिए ओपन टेक्स्ट बेस्ड मूल्यांकन (ओटीबीए) का प्रयोग किया था, तो स्टूडेंट कम्युनिटी और एकेडमिक्स की ओस से निगेटिव रिएक्शन मिली थी।
पायलट प्रोजेक्ट इस साल नवंबर-दिसंबर में
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट इस साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित करने का प्रस्ताव है और सीबीएसई इस पर निर्णय लेगा कि कक्षा 9 से 12 तक के सभी स्कूलों में मूल्यांकन के इस रूप को अपनाया जाना चाहिए या नहीं। सीबीएसई ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से परामर्श करने का भी फैसला किया है।
कोविड-19 के दौरान डीयू ने शुरू की थी ओपन-बुक एग्जाम
छात्रों के विरोध के बावजूद, COVID-19 के दौरान, दिल्ली विश्वविद्यालय ने ओपन-बुक एग्जाम शुरू की थी और छात्रों को न्यूनतम संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अपनी आंसरशीट, गैजेट, स्टडी मटेरिअल और सैनिटाइजर लाने के लिए कहा था।
ओपन बुक एग्जाम क्या है?
ओपन बुक परीक्षा का उद्देश्य परीक्षा के नियमित तरीके से हटकर छात्रों के उच्च-स्तरीय थिंकिंग स्किल को टेस्ट करना है। सीबीएसई द्वारा ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (ओटीबीए) के तहत छात्रों को चार महीने पहले स्टडी मटेरिअल प्रदान की गई थी और उन्हें परीक्षा के दौरान केस स्टडीज ले जाने की अनुमति दी गई थी। छात्रों को क्वेश्चन का आंसर देते समय अपने नोट्स या टेक्स्टबुक को देखने की अनुमति मिलती है। यह छात्रों को क्रिटिकल थिंकिंग और परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए रटने की पद्धति से दूर जाने की अनुमति देता है।
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