
Who is Neela Rajendra: भारतीय मूल की अधिकारी नीला राजेंद्र, NASA की Jet Propulsion Laboratory (JPL) में Diversity, Equity और Inclusion (DEI) की चीफ थीं। लेकिन अब उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। उनकी बर्खास्तगी सिर्फ एक साधारण छंटनी नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा पॉलिटिकल बैकग्राउंड और संस्थागत बदलाव छिपे हुए हैं। Neela Rajendra की विदाई ये दर्शाता है कि अमेरिका की सबसे बड़ी वैज्ञानिक संस्था में भी अब राजनीति और वैचारिक टकराव का असर दिखने लगा है। Diversity जैसी नीतियां, जो कभी भविष्य की नींव मानी जाती थीं, अब बदलाव की आंधी में डगमगाने लगी हैं।
साल 2024 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया, जिसमें फेडरल लेवल पर सभी DEI (Diversity, Equity, Inclusion) प्रोग्राम्स को बंद करने का निर्देश दिया गया। इस आदेश का सीधा असर NASA पर पड़ा। JPL, जो कि NASA का एक बड़ा और रिसर्च-फोकस्ड डिवीजन है, वहां DEI डिपार्टमेंट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया।
जब DEI ऑफिस बंद हुआ और लगभग 900 लोगों की छंटनी की गई, तब Neela Rajendra को निकाला नहीं गया। बल्कि उनका पद बदल दिया गया, उन्हें एक नए बनाए गए रोल में रखा गया जिसका नाम था Chief of the Office of Team Excellence and Employee Success। नीला राजेंद्र की ऑफिशियल प्रोफाइल से DEI जैसे शब्द हटा दिए गए, लेकिन अंदरूनी तौर पर वो उसी काम में लगी रहीं। मार्च 2024 तक वह “Black Excellence Strategic Team” को लीड कर रही थीं, जो JPL के DEI मिशन का अहम हिस्सा रहा है।
JPL की डायरेक्टर Laurie Leshin ने एक इंटरनल ईमेल भेजकर यह जानकारी दी कि “Neela Rajendra अब JPL का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने संस्था को जो योगदान दिया है, उसके लिए हम उनके आभारी हैं। इस ईमेल के बाद यह साफ हो गया कि अब Neela को भी संस्थान से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है।
Neela सिर्फ एक ऑफिसर नहीं थीं। वो NASA के कुछ बड़े मिशनों में शामिल रही हैं। उन्होंने “Space Workforce 2030” जैसे कैंपेन की अगुवाई की थी, जिसका मकसद स्पेस इंडस्ट्री में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की भागीदारी को बढ़ाना था। उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि विविधता केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि वैज्ञानिक प्रगति के लिए भी जरूरी है।
Neela ने 2022 में SpaceX पर कम DEI पहल और तेज वर्क कल्चर को लेकर आलोचना की थी। लेकिन वही SpaceX का कैप्सूल बाद में फंसे हुए NASA के एस्ट्रोनॉट्स को लेकर धरती पर वापस लाया। एक प्रेजेंटेशन में Neela ने बताया था कि JPL जैसे हाई-प्रेशर माहौल में DEI जैसे काम करना आसान नहीं होता। डेडलाइन, रिजल्ट्स और प्रेशर इतने ज्यादा होते हैं कि अक्सर इनिशिएटिव को वक्त और समर्थन नहीं मिल पाता।
नीला राजेंद्र की बर्खास्तगी ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका में DEI को लेकर लगातार बहस चल रही है। ट्रंप की वापसी के बीच कई संस्थान अपने DEI स्टैंड को बदल रहे हैं। ऐसे में Neela का हटाया जाना केवल एक पर्सनल फैसला नहीं, बल्कि संस्थान की विचारधारा में आए बदलाव का संकेत है।