
Who is Squadron Leader Priya Sharma: भारतीय वायुसेना के इतिहास में आज यानी 26 सितंबर का दिन ऐतहासिक है। छह दशकों से सेवा दे रहे प्रतिष्ठित मिग-21 फाइटर प्लेन को 26 सितंबर को रिटायर किया जाएगा। इस मौके पर चंडीगढ़ एयरबेस से इस जेट को अंतिम विदाई दी जाएगी। खास बात यह है कि इस ऐतिहासिक फ्लाईपास्ट में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी शामिल होंगी। वे इस फेयरवेल फ्लाइट में मिग-21 को आसमान में आखिरी बार उड़ाने वाली महिला पायलट होंगी।
मिग-21 फाइटर प्लेन के विदाई समारोह में 23 स्क्वाड्रन के छह जेट विमानों को शामिल किया जाएगा और लैंडिंग के समय उन्हें वाटर कैनन सलामी दी जाएगी। इस मौके पर एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह ‘बादल 3’ भी स्क्वाड्रन की अंतिम उड़ान में हिस्सा लेंगे। मिग-21 की विदाई के ऐतिहासिक पल की चर्चा के साथ स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी सुर्खियों में हैं, जानिए भारतीय वायुसेना की सातवीं महिला फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा के बारे में रोचक बातें।
राजस्थान के झुंझुनू जिले के घूमनसर कलां गांव की रहने वाली प्रिया शर्मा बचपन से ही आसमान और लड़ाकू विमानों की उड़ान देखकर प्रेरित रहती थीं। खासकर जगुआर और हॉक जैसे विमानों को उड़ते देख उनका मन पायलट बनने का सपना देखने लगा। उन्होंने जयपुर के MNIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद इंडियन एयरफोर्स में आवेदन किया। हैदराबाद के हाकिमपेट एयरफोर्स स्टेशन में कड़ी ट्रेनिंग के बाद 15 दिसंबर 2018 को प्रिया फ्लाइंग ऑफिसर बनीं और वायुसेना की सातवीं महिला फाइटर पायलट बनीं। इसी के साथ उन्होंने झुंझुनू जिले की तीसरी महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रच दिया।
भारतीय वायु सेना की फाइटर पायलट प्रिया शर्मा के पिता, मनोज कुमार, खुद एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर रह चुके हैं और वर्तमान में बीकानेर एयरबेस पर तैनात हैं। इससे पहले वे कर्नाटक के बीदर स्टेशन में एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिसर के रूप में काम कर चुके हैं। प्रिया के अनुसार, अपने पिता को वर्दी में देखकर उनका फाइटर पायलट बनने का जज्बा और स्ट्रांग हो गया।
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प्रिया शर्मा सिर्फ भारतीय वायुसेना की शान ही नहीं हैं, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं, जो बड़े सपनों के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं। उनके नेतृत्व में मिग-21 फाइटर प्लेन अपनी अंतिम उड़ान भरेगा और इस ऐतिहासिक पल में देशभर की नजरें उन पर टिकी रहेंगी। 26 सितंबर को होने वाली इस फेयरवेल फ्लाइट का मतलब सिर्फ एक विमान की विदाई नहीं है। यह भारतीय वायुसेना की परंपराओं को सम्मान देने, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और देश में नई सोच के साथ आगे बढ़ने का संदेश भी है।
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