
Who Is Yashasvi Solanki ADC: भारत की राष्ट्रपति के साथ एडीसी (Aide-de-Camp) बनने वाली पहली महिला अधिकारी का नाम अब इतिहास में दर्ज हो गया है, और वह हैं यशस्वी सोलंकी। यशस्वी सोलंकी की यह बड़ी उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि भारत की नौसेना और महिला सशक्तिकरण के लिए भी एक अहम पल है। यह नियुक्ति दिखाती है कि भारतीय रक्षा बलों में अब महिलाओं को भी महत्वपूर्ण पदों पर सम्मान और मौके मिल रहे हैं।
यशस्वी सोलंकी ने भारतीय नौसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत अपनी करियर की शुरुआत की थी। अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से उन्होंने खुद को साबित किया और नौसेना में अच्छा स्थान बनाया। भारतीय रक्षा बलों में जहां महिलाएं हमेशा से कमतर मानी जाती रही हैं, यशस्वी का यह सफर एक प्रेरणा है। उन्होंने नौसेना में शानदार प्रदर्शन किया और अब उन्होंने एक ऐसा पद हासिल किया है जो पहले केवल पुरुष अधिकारियों के लिए था। उनकी एडीसी के रूप में नियुक्ति, राष्ट्रपति के साथ जुड़ी जिम्मेदारी, यह दर्शाती है कि अब महिलाएं भी रक्षा बलों के अहम हिस्से बन रही हैं और उन्हें उच्च पदों पर मौका दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति के साथ जो एडीसी रहते हैं, वे भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के चुनिंदा अधिकारी होते हैं। ये अधिकारी राष्ट्रपति की मदद करते हैं और उनके समारोह, कूटनीतिक और ऑपरेशनल कार्यों में सहायता करते हैं। यशस्वी सोलंकी का एडीसी के रूप में चयन, यह साबित करता है कि भारतीय नौसेना अब महिलाओं को भी अहम जिम्मेदारियां सौंपने के लिए तैयार है। यह भूमिका पहले पुरुष अधिकारियों द्वारा निभाई जाती थी, लेकिन अब यशस्वी ने इसे तोड़ा है।
यशस्वी सोलंकी की नियुक्ति भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। भारतीय नौसेना में महिलाओं को अब पहले से अधिक अधिकार और नेतृत्व के मौके मिल रहे हैं। महिलाएं अब युद्धपोतों की कप्तानी और कमांड जैसे पदों पर भी नियुक्त हो रही हैं। यह कदम इस बात का प्रतीक है कि भारतीय सशस्त्र बल अब लिंग के बजाय क्षमता को महत्व दे रहे हैं। यशस्वी की एडीसी के रूप में नियुक्ति एक बड़ी सामाजिक और पेशेवर उपलब्धि है, जो महिलाओं को अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर ऊंचे पदों तक पहुंचने का हौसला देती है।
अब भारतीय सशस्त्र बल में एडीसी के पद के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को भी इस पद के लिए अवसर दिया जा रहा है। यह बदलाव भारत के रक्षा बलों में एकता और समन्वय को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है। यशस्वी की एडीसी के रूप में नियुक्ति एक बड़ी प्रेरणा है, खासकर उन युवतियों के लिए जो भारतीय मिलिट्री अकादमी और प्रशिक्षण स्कूल में अपनी मंजिल पाने के लिए मेहनत कर रही हैं। यशस्वी सोलंकी अब महिलाओं के लिए नई राह दिखा रही हैं और उनकी यह उपलब्धि न केवल उन्हें, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरित करेगी।