छात्र-छात्राओं को कई जनप्रतिनिधियों का भी समर्थन मिल रहा है। उनका कहना है कि दुनिया बदल रही है, यह समझने की जरुरत है। केरल जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, वहां इस तरह की सोच मोरल पुलिसिंग और राज्य के लिए खतरा है।
करियर डेस्क : नीट परीक्षा (NEET UG Exam 2022) में छात्राओं के अंडगारमेंट्स उतरवाने के बाद सुर्खियों में चल रहा केरल (Kerala) एक बार फिर चर्चा में है। अब यहां के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने लड़कियों को गोद में बैठाकर नैतिक पुलिसिंग का संदेश दिया है। दरअसल, हुआ यूं कि कॉलेज के बाहर बस स्टॉप पर बैठने के लिए एक प्रतीक्षालय बनाया गया है। इसी जगह छात्र-छात्राएं अक्सर जुटते थे। जिससे स्थानीय लोग यहां की लोहे की बेंच को काटकर अपने साथ उठा ले गए। जब कॉलेज स्टूडेंट्स यहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बेंच के बीच का हिस्सा कटा हुआ है और वहां से गायब है। जिससे छात्र नाराज हो गए।
लड़कियों को गोद में बैठाकर प्रोटेस्ट
चूंकि बेंच का बीच का हिस्सा काट दिया गया था तो दो छात्र एक साथ बेंच पर नहीं बैठ सकते थे। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की। लेकिन जब पुलिस ने भी कार्रवाई नहीं की तो छात्रों ने विरोध का गजब तरीका निकाला। बड़ी संख्या में छात्र वहां पहुंचे और कटी बेंचों पर छात्राओं को बैठा लिया। इसके बाद उन्होंने खूब फोटोज खिंचाई और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
अब समझिए क्या है पूरा माजरा
दरअसल, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम (CET) के पास एक बस स्टॉप है। जो कॉलेज स्टूडेंट्स का सबसे पसंदीदा हैंगआउट स्पॉट है। वे खुलेआम यहां मौज-मस्ती करते हैं, जिससे यहां के स्थानीय लोग असहज महसूस करते थे। छात्र-छात्राओं के तौर-तरीकों से स्थानीय लोग अक्सर परेशान हुआ करते थे। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों को बस स्टॉप की बेंच पर छात्र-छात्राओं का इस तरह एक साथ बैठना नागवार गुजरता था। इसलिए उन्होंने बस स्टॉप की बेंच को काटकर तीन अलग-अलग सीटें बना दी। इसी का जवाब देते हुए छात्रों ने लड़कियों को गोद में बैठा फोटो खिंचाई और उसे वायरल किया।
छात्र-छात्राओं का समर्थन
वहीं, इस घटना के बाद लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई नेता और मंत्री भी छात्रों का समर्थन कर रहे हैं। फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महापौर आर्या एस राजेंद्रन वहां पहुंचे। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि जिस तरह बेंच को काटकर तीन सीटों में बांट दिया गया वह केरल जैसे प्रगतिशील समाज में कहीं से उचित नहीं है। यह अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि हमारे स्टेट में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। अगर अब भी लोग मानते हैं कि इस पर रोक होनी चाहिए, वे पुराने जमाने में ही जी रहे हैं। वहीं, माकपा के यूथ विंग ने कहा कि यह जो कुछ भी है वह मोरल पुलिसिंग के लिए खतरा है। दुनिया बदल रही है, यह ऐसे लोगों को समझने की आवश्यकता है।
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