आर्ट में ग्रेजुएट हैं महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, फोटोग्राफी का रखते हैं शौक, दो किताबें भी लिख चुके हैं

उद्धव ठाकरे पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्हें शिवसेना का अगला प्रमुख बनाए जाने का ऐलान किया गया। 2002 के बीएमसी चुनाव में जब उन्होंने पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया तब पिता बाल ठाकरे ने उन्हें पार्टी में जिम्मेदार भूमिका निभाने को कहा।

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2022 9:02 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में जो भूचाल मचा हुआ है, उससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सत्ता का सिंहासन हिल गया है। कभी उनके राइट हैंड माने जाने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत ने सरकार में उद्धव के वर्चस्व को ही लगभग-लगभग खत्म कर दिया है। आज सूबे की राजनीति में जो कुछ भी घटनाक्रम हो रहा है, उसका अंदाजा शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के बेटे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को कभी रहा भी न होगा। साल 2002 से पॉलिटिकल करियर की शुरुआत करने वाले उद्धव ठाकरे राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार थे और मराठी समाचार दैनिक हिंदू के लिए काम किया करते थे। पढ़िए उद्धव ठाकरे के करियर से जुड़ी खास बातें...

आर्ट से ग्रेजुएट हैं उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई साल 1960 को हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई बालमोहन विद्यामंदिर से की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के सर जे.जे. कॉलेज ऑफ आर्ट से ग्रेजुएशन किया। उद्धव की पिता की तरह राजनीति में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी। वह दूसरे फील्ड में अपना मुकाम बनाना चाहते थे। लेकिन उनकी वाइफ ने उन्हें राजनीति में करियर शुरू करने के लिए मनाया।

लेखन और फोटोग्राफी का शौक
उद्धव को लेखन और फोटोग्राफी का काफी शौक है। उद्धव ने 'चौरंग' नाम से एक विज्ञापन एजेंसी भी शुरू की थी लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए और कुछ समय बाद ही इसे बंद करना पड़ा। उद्धव ठाकरे ने दो किताबें भी लिखी हैं। साल 2010 में उनकी पहली किताब 'महाराष्ट्र देश' छपी। दूसरी किताब 'पहावा विट्ठल' साल 2011 में आई। उद्धव जब सीएम नहीं थे तब वह वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी किया करते थे। वार्षिक प्रदर्शनियों में उनकी फोटोग्राफी काफी चर्चा में रहती थीं। उन्हें बैडमिंटन खेलना भी काफी पसंद है।

शिवसेना में आने से पहले कम लोग ही जानते थे
उद्धव ठाकरे जब शिवसेना में पहली बार शामिल हुए तो काफी लोग उनके बारे में जानते ही नहीं थे। उन्होंने खुद को काफी लो प्रोफाइल रखा था। इसके बाद उद्धव जमीनी स्तर से लेकर राज्य स्तर पर कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। धीरे-धीरे पार्टी में अपनी जगह बनाई और जब बीजेपी से अलग होने के बाद एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने।

पॉलिटिकल करियर

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