कश्मीर में स्कूलों की मनमानी, अधूरे सिलेबस में ही किया परीक्षा का एलान

अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों से उन महीनों की फीस ली, जब स्कूल बंद थे। उनका कहना है कि अब स्कूल प्रशासन ने पाठ्यक्रम में बिना कोई ढील दिये वार्षिक परीक्षाओं की घोषणा कर दी है।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 22, 2019 12:04 PM IST

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में केवल आधा पाठ्यक्रम पूरा होने के बावजूद संबंधित प्रशासन द्वारा विभिन्न कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से कराने का फैसला करने के बाद खासकर घाटी के विद्यार्थी दुविधा में फंस गये हैं। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर में विद्यालयों को बंद कर दिया गया था। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों से उन महीनों की फीस ली, जब स्कूल बंद थे। उनका कहना है कि अब स्कूल प्रशासन ने पाठ्यक्रम में बिना कोई ढील दिये वार्षिक परीक्षाओं की घोषणा कर दी है।

स्टुडेंट्स हो रहे परेशान 
अभिभावक और विद्यार्थी परेशान हैं कि यदि परीक्षाएं पाठ्यक्रम में बिना किसी कटौती के होती हैं तो विद्यार्थी शायद अच्छे अंक नहीं ला पायेंगे, लेकिन यदि वार्षिक परीक्षाएं नहीं होती हैं तो उन्हें एक कीमती वर्ष का नुकसान हो जाएगा। विद्यार्थियों का कहना है कि वे इस स्थिति में बहुत परेशान हैं और उन्होंने निर्धारित पाठ्यक्रम के करीब आधे हिस्से का ही अध्ययन किया है। एक निजी विद्यालय की कक्षा बारहवीं की छात्रा न्याला ने कहा, ‘‘ हम पांच अगस्त से घर में हैं। कोई कक्षा नहीं हुई और वर्तमान माहौल में पढाई बहुत मुश्किल रही। कैसे हम परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं?’’ उसने कहा कि पाबंदियों के चलते निजी ट्यूशन भी प्रभावित रहा।

Latest Videos

परीक्षाओं के लिए तैयार नहीं हैं विद्यार्थी 
सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों की भी यही कहानी है। सरकार ने घाटी में क्रमिक ढंग से विद्यालयों को खोलने की घोषणा की और शिक्षक स्कूल आने लगे लेकिन विद्यार्थी स्कूल नहीं आए। एक सरकारी विद्यालय के कक्षा दसवीं के छात्र मुसैब ने कहा, ‘‘ हम स्कूल नहीं जा सके। हमारे माता पिता निजी ट्यूशन का खर्चा नहीं उठा सकते। हमने पूरा पाठ्यक्रम पढ़ा नहीं, ऐसे में कैसे हम वार्षिक परीक्षाओं के लिए तैयार हो सकते हैं?’’ विद्यार्थी चाहते हैं कि परीक्षाएं टाल दी जाएं या फिर कम से कम, पाठ्यकम में कुछ कमी की जाए ताकि प्रश्न पत्र उसके हिसाब से सेट हों।

स्कूलों ने राज्यपाल शासन पर लगाया आरोप 
पांच अगस्त को सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के लिए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। कश्मीर के स्कूल शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि राज्यपाल शासन निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से और पाठ्यक्रम में बिना किसी कटौती के परीक्षाएं कराने पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

Share this article
click me!

Latest Videos

कंगना ने फिर लिया किसानों से पंगा, हिमाचल से दिल्ली तक बवाल । Kangana Ranaut
अमित शाह की कौन सी बात बांग्लादेश को चुभ गई, भारत को दे डाली सलाह । Amit Shah । Bangladesh
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान
CM बनते ही दूसरी कुर्सी पर बैठी Atishi , आखिर क्यों बगल में खाली छोड़ दी 'गद्दी' । Arvind Kejriwal
गैस से क्रेडिट कार्ड तक...1 अक्टूबर से बदल जाएंगे 5 नियम । 1 October New Rule