ये है भारत की पहली ट्राइबल कमर्शियल महिला पायलट, दुनिया भर में हो रही चर्चा

ओडिशा के नक्सल प्रभावित जिले मलकानगिरी की अनुप्रिया लकड़ा भारत की पहली महिला कमर्शियल पायलट बन गई है। उसकी इस उपलब्धि की चर्चा दुनिया भर में हो रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2019 8:38 AM IST / Updated: Sep 11 2019, 02:10 PM IST

नई दिल्ली। ओडिशा के नक्सल प्रभावित जिले मलकानगिरी की अनुप्रिया लकड़ा भारत की पहली आदिवासी महिला कमर्शियल पायलट बन गई है। उसकी इस उपलब्धि की चर्चा हर तरफ हो रही है। पायलट बनने के लिए 23 साल की अनुप्रिया ने जो संघर्ष किया, वह बेमिसाल है। आज वह भारत की लाखों लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बन गई है। पिछड़े आदिवासी इलाके से आने के बावजूद अपनी प्रतिभा और संघर्ष के दम पर उसने जो मुकाम हासिल किया है, वह वाकई एक गौरव की बात है।

पायलट बनने के लिए छोड़ी इंजीनियरिंग की पढ़ाई
अनुप्रिया का सपना था कि पायलट बन कर खुले आसमान में उड़े। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे इंजीनियरिंग में दाखिला मिला। पढ़ाई में वह शुरू से ही अच्छी थी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए भी वह पायलट बनने का सपना देखती रही। उसे लगा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए वह इस सपने को पूरा नहीं कर पाएगी। इसके बाद उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी और 2012 में भुवनेश्वर के पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया। इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए होने वाले टेस्ट की तैयारी उसने भुवनेश्वर में रह कर ही की। 

सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है अनुप्रिया
अनुप्रिया एक सामान्य परिवार की लड़की है। उसके पिता मारिनियस लकड़ा ओडिशा पुलिस में हवलदार हैं और मां जामज यास्मिन लकड़ा हाउसवाइफ हैं। उसके पेरेंट्स उसकी इस उपलब्धि से खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी पढ़ने में तेज थी और शुरू से ही पायलट बनना चाहती थी। आज उसका सपना पूरा हो गया। अनुप्रिया के पिता ने कहा कि एक छोटी जगह से संबंध रखने वाली लड़की के लिए यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिससे पता चलता है कि अगर लगन हो और लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी निष्ठा से मेहनत की जाए तो कुछ भी हासिल करना असंभव नहीं है। 

एक निजी विमानन कंपनी में बनेगी को-पायलट
कमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग हासिल कर चुकी अनुप्रिया अब एक निजी विमानन कंपनी में बतौर को-पायलट सेवा देगी। उसने बताया कि उसने दसवीं तक की पढ़ाई एक कॉन्वेंट स्कूल से की और 12वीं की पढ़ाई सेमिलिदुगा के एक स्कूल से की। इसके बाद उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए टेस्ट एग्जाम दिया। उसने कहा कि वह अगर इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं छोड़ती तो पायलट बनने का उसका सपना पूरा नहीं होता।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर दी बधाई
अनुप्रिया की इस सफलता पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर उसे बधाई दी है। पटनायक ने ट्वीट में लिखा है कि एक काबिल पायलट बनने के लिए अनुप्रिया को शुभकामनाएं। उसकी सफलता कइयों के लिए उदाहरण है। 

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