आप हजारीबाग में इंडस्ट्री कैसे डेवपल करोगे? UPSC 2020 में इन सवालों का जवाब देकर टॉपर बने उत्कर्ष

 Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2021 12:04 PM IST / Updated: Dec 24 2021, 05:38 PM IST

करियर डेस्क. झारखंड के रहने वाले उत्कर्ष कुमार (Utkarsh Kumar) ने आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन के बाद एक मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी शुरू की लेकिन उनका मन सिविल सर्विस की तैयारी में लगा रहा। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में उनकी 55 वीं रैंक आई है। उनसे इंटरव्यू में कई तरह के सवाल पूछे गए थे। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में कई तरह के सवाल पूछे गए थे। उत्कर्ष कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा के तीनों चरणों में इंटरव्यू सबसे ज्यादा इंटरेस्टिंग भी है। आपको एसेंशियली बात करनी है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने उत्कर्ष कुमार से बातचीत की। आइए जानते हैं इंटरव्यू में उनसे किस तरह के सवाल पूछे गए थे। 

सवाल- इंडिपेंडेंस के पहले कैथोलिक इंस्टीट्यूशन बहुत डेवलप हुए थे, बाद में थोड़े कम हुए ऐसा क्यों?
जवाब-
पूरी तरह सहमत नहीं हूं। बाद में डीएवी स्कूल, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी आई, दूसरे कॉलेज आए। 

सवाल- हजारीबाग में इतने सारे मिनरल्स हैं, लेकिन इंडस्ट्री इतने डेवलप क्यों नहीं हो रहे?
जवाब-
डेवलप नहीं होने का एक बड़ा कारण कनेक्टिविटी था। हजारीबाग में एयरपोर्ट नहीं है। रेलवे स्टेशन कुछ सालों पहले आया है। दिन की दो ट्रेनें चलती हैं।

सवाल- आप हजारीबाग के कलेक्टर हुए तो इंडस्ट्री कैसे डेवपल करोगे?
जवाब-
मिनरल आइंडिंटिफिकेशन में हेल्प करूंगा, जो भी अप्रूवल चाहिए होते हैं, सुनिश्चित करूंगा कि समय पर ठीक से दिया जाए। सुनिश्चित करूंगा कि जो हजारीबाग का पोटेंशियल है। वह अलग अलग समिट में रिप्रेजेंट हो। इसके लिए मैं राज्य सरकार से कोआर्डिनेट करूंगा कि राज्य सरकार समिट कराती है। इंश्योर करूंगा कि राज्य सरकार की इंडस्ट्रियल पालिसी यहां पर ठीक से लागू करूं।

सवाल- प्राइवेट सेक्टर में अच्छी नौकरी कर रहे थे, यहां छोड़कर क्यों आए?
जवाब-
मेरा मोटिवेशन क्लियर था कि मुझे यहां पर इम्पैक्ट ज्यादा दिख रहा था, तो मैंने उसे जस्टिफाई किया।

सवाल- आप अगर पहाड़ चढ़ रहे और अचानक एवलांच आता है, तो आप क्या करोगे?
जवाब-
मैं देखूंगा कि एवलांच किस तरफ से आ रहा है। अपनी टीम को दूसरी तरफ ले जाऊंगा। सिग्नल फ्लेयर छोड़ूंगा। क्विक रिस्पांस टीम को कम्युनिकेट करूंगा कि सर हम लोग यहां फंसे हुए हैं। हम लोगों को यहां से रेस्क्यू किया जाए। आगे से लेशन लेकर चलूंगा कि किसी भी प्लेस का मौसम वगैरह पहले से देखकर जाऊं कि यह सिचुएशन आनी ही नहीं चाहिए। 

वर्षों में कैसे इंसान बने यह चीज इंटरव्यू में होती है टेस्ट
उत्कर्ष कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा के तीनों चरणों में इंटरव्यू सबसे ज्यादा इंटरेस्टिंग भी है। आपको एसेंशियली बात करनी है। खुद की और आस पास के मुद्दों की कहानी सुननी है। ये पूरा आपके स्किल पर है कि आप कितने अच्छे से बातचीत कर पाते हो। उनका मानना है कि एस्पिरेंट्स इंटरव्यू की तैयारी बहुत पहले से शुरू कर देते हैं। जैसे जब वह कॉलेज में हैं तो क्या हॉबीज हैं, टीम वर्क या लीडरशिप की किसी एक्टिविटी या किसी प्रतिस्पर्धा में शामिल हो रहे हैं। यह सब चीजें आपकी प्रोफाइल का हिस्सा बनती हैं। आप वर्षों में जैसे इंसान बने हो, आपकी यह चीज इंटरव्यू में टेस्ट होती है। इसे आप छह महीने या साल भर में बदल नहीं सकते। उसके पहले आप अपनी ताकत और कमजोरी के साथ, क्या किया है और क्या नहीं किया है, सिर्फ इसे रिफाइन करते हो। ताकि आप उसको प्रेजेंट कर सको।

सिर्फ बोर्ड की बातों से ही न हों कन्वेंस
उत्कर्ष कहते हैं कि इंटरव्यू में आप बोर्ड की बातों से ही कन्वेंशन न हो जाओ जो बोलो सोच समझकर बोलो। उसके पहले अटेम्प्ट के इंटरव्यू में उनसे ऐसा ही एक सवाल किया गया था कि प्राइवेट सेक्टर के लोगों की सैलरी में कैप कर देना चाहिए। एक बेंचमार्क से ऊपर की सैलरी नहीं मिलनी चाहिए। यस बैंक का उदाहरण देते हुए कहा गया था कि वह लोग सैलरी भी लेते हैं और स्कैम भी करते हैं। उनका कहना है कि ऐसे सवालों पर आपको जो आता है, उसे सलीके से पेश करें। यह तभी संभव है, जब आप कहीं ब्लफ नहीं कर रहे हों।

आंखें खोलने वाली रही तीन साल की यूपीएससी जर्नी
उत्कर्ष कहते हैं कि उनकी तीन साल की यूपीएससी जर्नी बहुत मामलों में आंखें खोलने वाली रही। जब आप पढ़ते हो तो बहुत चीजें समझते हो एक अप्रोच आ जाता है। जबकि पहले कुछ भी होता है तो सरकार को ब्लेम करना आसान लगता है। सोचने का नजरिया बड़ा होता है। आप सोचते हैं कि कोई चीज में समस्या है तो क्यों आ रही है, इसका क्या सॉल्यूशन होना चाहिए? आपको आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सेटअप की एक बेहतर समझ मिलती है। पहले दुनिया ब्लैक एंड व्हाइट यानि सही या गलत में दिखाई देती है। पढ़ाई करके अनुभव होता है कि अलग-अलग दृष्टिकोण और अलग-अलग नैरेटिव साथ में चल सकते हैं और उनमें से कोई सही या गलत नहीं होता है। अनुशासन और हार्डवर्क की आदत विकसित होती है। जब एस्पिरेंट्स कमा नहीं होते हैं तो अनावश्यक खर्चे हट जाते हैं। इससे एक सिम्पल लाइफ जीने की आदत पड़ जाती है।

 

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