जो परीक्षार्थी UPSESSB संस्कृत प्रवक्ता लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे वे अपने रिजल्ट बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं।
करियर डेस्क. UP Sanskrit Lecture Exam Result 2016: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड {UPSESSB} ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत प्रवक्ता के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा 2016 का परिणाम घोषित कर दिया है।
इसके साथ ही चयन बोर्ड ने साक्षात्कार का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। जो परीक्षार्थी UPSESSB संस्कृत प्रवक्ता लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे वे अपने रिजल्ट बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं।
2 फरवरी 2019 को हुई थी परीक्षा
UPSESSB संस्कृत प्रवक्ता लिखित परीक्षा 1 और 2 फरवरी 2019 को आयोजित की गई थी। अब उसका रिजल्ट घोषित कर दिया गया है।
प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता संस्कृत 2016 भर्ती का साक्षात्कार 16 से 22 अक्तूबर तक आयोजित होगा। जो कैंडिडेटस लिखित परीक्षा में सफल घोषित किये गए हैं वे अपने रिजल्ट के साथ अपने साक्षात्कार का शेड्यूल भी ऑफिशियल वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। बालक वर्ग में 424 और बालिका वर्ग में 52 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए चयनित हुए हैं।
साक्षात्कार से जुड़ी जानकारी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर ने बताया कि अभ्यर्थियों की तिथिवार साक्षात्कार सूची वेबसाइट पर उपलब्ध है। लिखित परीक्षा में सफल घोषित कैंडिडेट्स परीक्षा पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन में अभिलेखों को अपलोड करें। साथ ही संस्था का विकल्प भी दें। उसके बाद साक्षात्कार पत्र डाउनलोड करें। कैंडिडेट्स नियत तिथि एवं समय पर साक्षात्कार के मूल अभिलेखों के साथ उपस्थित हों।
एलटी ग्रेड अध्यापक भर्ती का रिजल्ट घोषित करने हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को जीआईसी में एलटी ग्रेड {LT Grade shikshak bharti 2020} सामाजिक विज्ञान व हिन्दी विषय अध्यापक भर्ती का परिणाम चार सप्ताह में घोषित करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि याची इस आदेश की प्रति आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें और आयोग परिणाम घोषित करे।
आपको बता दें कि वर्ष 2018 में प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेज {GIC} में एलटी ग्रेड के अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गे था। इसके तहत प्रदेश भर में एलटी ग्रेड शिक्षक परीक्षा कराई गई। परीक्षा के दौरान ही इसमें धांधली की शिकायतें सामने आईं और पूरी परीक्षा विवादों में फंस गई। इसे देखते हुए प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंप दी गई।