कोरोना काल में बड़ी संख्या में कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। महामारी का प्रभाव अब कम हो गया है। ऐसे में कई कंपनियों ने अपने ऑफिस फिर से खोल दिए हैं। कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया है। लेकिन अब भी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं।
करियर डेस्क : वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कोरोना काल के बाद से ही कल्चर बन गया है. जब कोरोना महामारी आई तो प्राइवेट सेक्टर से लेकर गवर्नमेंट संस्थानों तक के वर्किंग कल्चर में बदलाव देखा गया. कुछ कंपनियों और कर्मचारियों को घर से ही काम अच्छा लगा तो कुछ को ऑफिस कल्चर (Office Culture) ही पसंद आया। एक सर्वे के मुताबिक, कोरोना के कम होने के बाद से करीब 35 प्रतिशत कंपनियां ऐसी हैं, जहां 75 से 100 प्रतिशत तक कर्मचारी अब काम पर लौट आए हैं। इनमें हाइब्रिड वर्क कल्चर शुरू किया गया है। जिसमें कर्मचारी कुछ दिन ऑफिस में और कुछ दिन घर से काम कर सकते हैं।
सबसे पहले क्या कहता है सरकार का नियम
दरअसल, जुलाई 2022 में उद्योगों ने सभी स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स के लिए देशभर में एक समान वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी की मांग की। जिसको देखते हुए सरकार ने वर्क फ्रॉम होम के लिए नए नियमों की घोषणा की। इन नियमों के अनुसार, किसी भी स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) यूनिट में कोई भी कर्मचारी ज्यादा से ज्यादा एक साल तक तक ही घर से काम कर सकता है। कोई भी कंपनी सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही वर्क फ्रॉम होम दे सकती है। वाणिज्य मंत्रालय ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स रूल्स, 2006 में वर्क फ्रॉम होम के लिए एक नया नियम 43ए जोड़ा। बता दें कि नए नियम सिर्फ विशेष आर्थिक क्षेत्र यूनिट्स के लिए हैं।
क्या कहता है सर्वे
अब जब दो साल बाद ऑफिस खुलने लगे हैं तो कई कंपनियों का मानना है कि प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जाए, इसके लिए कर्मचारियों को फ्लैक्सिबिलिटी देना जरूरी है। जितने कर्मचारी काम पर वापस लौटे हैं उसमें टेलीकम्युनिकेसन और कंसल्टिंग कंपनियां हैं। सर्वे में 53 प्रतिशत कंपनियों ने हाइब्रिड कल्चर का समर्थन किया है। उनका मानना है कि कर्मचारी उस संस्थान को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जहां काम करने की ज्यादा आजादी है। ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों की पसंद को तवज्जों दे रही हैं। सर्वे कहता है कि 74 प्रतिशत उद्योग और आधे से ज्यादा आईटी सेक्टर की कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए एक वितरित कार्य मॉडल (Distributed Work Model) यानी हाइब्रिड वर्क कल्चर को पसंद करती हैं।
कर्मचारियों की पसंद क्या है
ऑफिस से काम कर रहे ज्यादातर कर्मचारियों का मानना है कि हाइब्रिड वर्क कल्चर ऑफिस से काम करने से ज्यादा बेहतर है। इससे एम्प्लॉईज को ज्यादा फायदे हैं। जिसमें आने-जाने के खर्चे की बचत सबसे ज्यादा अहम है। वहीं, कुछ एम्प्लॉईज वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा अच्छा मानते हैं। एक मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि करीब दो साल तक वर्क फ्रॉम होम के दौरान बहुत सारे फायदे मिले हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वहीं, एक्सपर्ट का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम से कंपनियों को अच्छी प्रोडक्टिविटी मिल रही है, साथ ही किसी भी एम्प्लॉई को हायर करने के दूर-दराज की समस्या नहीं आ रही है। वर्क फ्रॉम होम में कंपनियों को अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं खड़ा करना पड़ता। कई और भी ऐसे फायदे हैं, जिन्हें देखते हुए कई बड़ी कंपनियों ने पूरी तरह से खुद को वर्क फ्रॉम होम की ओर शिफ्ट कर लिया है, जबकि कई इस दिशा में काम कर रही हैं।
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