World Ozone Day 2022: ओजोन परत के बारें में 10 फैक्ट्स, हर किसी को जानना जरूरी
इस साल अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस की थीम 'पृथ्वी पर जिंदगी बचाने के लिए ग्लोबल सपोर्ट' है. ओजोन डे पर हमें इसके संरक्षण का उद्देश्य समझाया जाता है. बताया जाता है कि यह हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है.
Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2022 5:31 AM IST / Updated: Sep 16 2022, 11:14 AM IST
करियर डेस्क: हर साल 16 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस (World Ozone Day) मनाया जाता है। इस दिन हमे ओजोन लेयर का महत्व समझाया जाता है और बताया जाता है कि यह हमारे वातावरण और मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। ओजोन परत सूर्य से आने वाली खतरनाक किरणों से हमारी रक्षा करता है. यही कारण है कि इसका संरक्षण काफी अहम माना जाता है। आज वर्ल्ड ओजोन दिवस पर आइए जानते हैं इससे जुड़े 10 फैक्ट्स, जिसे हर किसी को जानना चाहिए..
ओजोन परत हमारी धरती के लिए एक ढाल की तरह काम करती है और इकोलॉजी से बचाने का काम करती है।
ओजोन का रासायनिक नाम O₃ है। यह ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना है। इसका रंग हल्का नीला होता है.
ओजोन गैस एक हानिकारक गैस है। यह काफी बदबूदार होता है औऱ अत्यधिक प्रतिक्रियाशील भी। समताप मंडल में ऊपर यह मौजूद होता है।
ओजोन अगर पृथ्वी के वायुमंडल के पास होता तो इसका ग्रीनहाउस प्रभाव जीवन के लिए काफी खतरनाक हो जाता। ग्लोबल वार्मिंग और अन्य तरह की समस्याएं होती।
ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक यूवी रेडिएशन या सोलर रेडिएसन के प्रभाव को कम करती है और पृथ्वी तक आने से रोकती है।
अगर इन रेडिएशन को धरती तक आने से ओजोन परत न रोके तो ये यहां पहुंचकर कई तरह से नुकसान पहुंचाएंगी। सनबर्न, त्वचा कैंसर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां फैलने लगेंगी।
अगर ओजोन परत न हो तो इंसान और जानवर दोनों का इम्यून सिस्टम खराब हो जाएगा। इससे महासागरों में फाइटोप्लांकटन उत्पादकता में भी प्रभाव पड़ेगा।
ओजोन परत में छेद होने के कारण ओडीएस यानी ओजोन-क्षयकारी पदार्थ है। यह हेलोकार्बन रेफ्रिजरेंट, सॉल्वैंट्स, प्रोपेलेंट और फोम-ब्लोइंग एजेंट से बना हुआ रसायन है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन एचसीएफसी और हैलोन भी ओडीएस के ही उदाहरण हैं।
साल 1985 में, ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के एक शोधकर्ता जोनाथन शंकलिन ने ओजोन शील्ड में छेद की खोज की थी। सैटेलाइट्स की मदद से पता चला कि ओजोन परत में 20 मिलियन वर्ग किमी का एक छेद है।
इसी के 9 साल बाद 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से ओजोन के संरक्षण और मानव जीनव और प्रकृति को बचाने के लिए हर साल 16 सितंबर को इंटरनेशनल ओजोन डे मनाने का ऐलान किया गया।