मिला था ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी का कार्ड, फिर भी एक्ट्रेस की शादी में नहीं पहुंची थीं उनकी जेठानी

अमिताभ बच्चन उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ताल्लुक रखते हैं। बिग बी के दादा और हरिवंश राय बच्चन के पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव ने इलाहाबाद के कटघर क्षेत्र में मकान बनवाया था।

Asianet News Hindi | Published : Nov 1, 2019 2:51 AM IST / Updated: Nov 01 2019, 02:08 PM IST

मुंबई. बच्चन परिवार की बहू ऐश्वर्या राय शुक्रवार 1 नवंबर को 46वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। एक्ट्रेस का जन्म 1 नवंबर, 1973 को कर्नाटक के मंगलौर में हुआ था। उन्होंने 1997 में साउथ फिल्म से एक्टिंग में करियर की शुरुआत की थी और इनकी पहली बॉलीवुड फिल्म 'और प्यार हो गया' थी। ऐश्वर्या के जन्मदिन के मौके पर उनके और अभिषेक की शादी से जुडे़ किस्से के बारे में बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।  

इलाहाबाद में रहते हैं बच्चन परिवार के रिश्तेदार 

अमिताभ बच्चन उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ताल्लुक रखते हैं। बिग बी के दादा और हरिवंश राय बच्चन के पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव ने इलाहाबाद के कटघर क्षेत्र में मकान बनवाया था। इस मकान में कभी अमिताभ की बुआ भगवान देवी के बेटे (यानी अमिताभ के फुफेरे भाई) रामचंदर और उनकी पत्नी कुसुमलता रहा करते थे। उनकी मौत के बाद उनके तीसरे नंबर के बेटे अनूप अपनी पत्नी मृदुला व बच्चों के साथ रहते हैं। ऐसे में ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी में बिग बी ने इलाहाबाद से भी लोगों को इन्वाइट किया था। इसमें एक परिवार उनके फुफेरे भाई अनूप का परिवार भी था। 

शादी में जेठानी इस वजह से नहीं हो पाई थीं शरीक

दरअसल, एक इंटरव्यू में अनूप और मृदुला ने बताया था कि उन्हें शादी में ना शामिल होने का मलाल आज तक है। उन्होंने बताया था कि उनका परिवार आज तंगहाली के दौर से गुजर रहा है। मृदुला ने बताया कि उन्हें चाचा-चाची जी (अमिताभ बच्चन और जया बच्चन) की तरफ से अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की शादी का कार्ड आया था। लेकिन तंगहाली और इस डर से कि अब बच्चन परिवार उन्हें पहचानेगा भी या नहीं, शादी में शरीक नहीं हो सके। अनूप और मृदुला ने कहा कि उनकी दिली ख्वाहिश थी कि वे अभिषेक-ऐश्वर्या की शादी में शामिल हों। लेकिन उनकी विवशता ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। 

सास-ससुर की मौत के बाद टूट गया रिश्ता ?

इंटरव्यू में मृदुला ने बताया था कि उनके सास-ससुर यानी रामचंदर और कुसुमलता के देहांत के बाद बच्चन परिवार से उनका रिश्ता पूरी तरह टूट गया। जब तक उनके ससुर जिंदा थे, तब तक बाबू जी (डॉ. हरिवंश राय बच्चन) का खत आता था, उसके बाद से खत और फोन कॉल तक नहीं आते।

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