नायरा नूर ने 70 के दशक में कई पॉपुलर पाकिस्तानी फिल्मों और सीरियल्स के लिए गाने गाए थे। हालांकि, शादी के बाद उन्होंने फिल्मों और सीरियल्स में गाना बंद कर दिया था। उनकी गजलें पाकिस्तान में खूब सुनी जाती हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क. पाकिस्तान की मशहूर सिंगर नायरा नूर (Nayyara Noor) का निधन हो गया है। वे 71 साल की थीं और पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। नायरा के भतीजे राणा जैदी ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबर ब्रेक की है। उन्होंने लिखा है, "भारी मन से बताना पड़ रहा है कि मेरी प्यारी आंटी (ताई) नायरा नूर का इंतकाल हो गया है। उनकी आत्मा को शांति मिले। उनकी सुरीली आवाज़ के लिए उन्हें 'बुलबुल-ए-पाकिस्तान' का खिताब दिया गया था।"
सोशल मीडिया यूजर्स ने दी श्रद्धांजलि
जैदी के खबर देते ही सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों ने उन्हें श्रद्धांजलि देनी शुरू की और उन्हें याद करते हुए इमोशनल कमेंट्स किए। मसलन, एक यूजर ने लिखा है, "सुनकर बेहद दुख हुआ कि नायरा नूर साहिबा अब हमारे बीच नहीं रहीं। अल्लाह उनकी आत्मा को सुकून दे।" एक अन्य यूजर का कमेंट है, "आज ही सुन रहा था वतन की मिट्टी जवां रहना।" एक यूजर का कमेंट है, "बचपन गुजरा है यार सुनते-सुनते, अल्लाह उनकी मगफिरत कराए और जन्नत में जगह दे। आमीन।"पाकिस्तानी डायरेक्टर-प्रोड्यूसर नादिया फातिमा जैदी ने लिखा है, "संवेदना। ऐसा लगता है कि मैंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा खो दिया।उनकी आवाज, उनकी बातें, उनकी गजलें, उनके गीत, मेरे दिल में हमेशा गूंजते रहेंगे।उन्हें पसंदीदा कहना खामोशी होगा। वे उर्दू ग़ज़ल के प्रति मेरे प्यार की वजह थीं।"
भारत में जन्मी थीं नायरा नूर
नायरा नूर का जन्म 3 नवम्बर 1950 को असम के गुवाहाटी में हुआ था। उनके पिता ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सक्रिय कार्यकर्ता थे। विभाजन के लगभग 10 साल बाद 1957-58 में नायरा नूर मां और भाई-बहनों के साथ पाकिस्तान चली गईं और कराची में जाकर रहने लगीं। हालांकि, उनके पिता अपने परिवार की अचल संपत्ति की देखभाल के लिए 1993 तक असम में ही रहे। बताया जाता है कि बचपन में नायरा को कनन देवी और कमला के भजन के साथ-साथ बेगम अख्तर की ठुमरी काफी पसंद आती थी।
70 के दशक में की खूब सिंगिंग
1971 में नायरा ने पाकिस्तानी टीवी सीरियल के माध्यम से पहली पब्लिक सिंगिग की और 'घराना और 'तानसेन' जैसी फिल्मों के जरिए बड़े पर्दे पर अपनी आवाज का जादू बिखेरा। उन्होंने मिर्जा ग़ालिब और फैज अहमद फैज जैसे गजलकारों की गजलों को आवाज़ दी और मेहंदी हसन और अहमद रुश्दी जैसे लीजेंड्स के साथ गायन किया। अपने सिंगिंग करियर में उन्होंने गजल, गीत, नज़्म और पाकिस्तान के राष्ट्र्रीय गीतों को आवाज़ दी। 2012 में उन्होंने सिंगिंग वर्ल्ड को आधिकारिक रूप से अलविदा कह दिया था।
नायरा का फैमिली बैकग्राउंड
नायरा ने पाकिस्तान के पॉपुलर टीवी एक्टर शहरयार जैदी से शादी की। उनका बेटा जाफ़र जैदी पाकिस्तानी म्यूजिक इंडस्ट्री का पॉपुलर नाम है, जबकि दूसरा बेटा नाद-ए-अली भी सिंगिंग की दुनिया में एक्टिव है।
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