स्मिता पाटिल की आज 64वीं बर्थ एनीवर्सरी है। उनका जन्म 17 अक्टूबर, 1955 को पुणे में हुआ था। लेकिन 31 साल की उम्र में उन्होंने 13 दिसंबर 1986 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।
मुंबई. स्मिता पाटिल की आज 64वीं बर्थ एनीवर्सरी है। उनका जन्म 17 अक्टूबर, 1955 को पुणे में हुआ था। लेकिन 31 साल की उम्र में उन्होंने 13 दिसंबर 1986 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। बेटे के जन्म के 15 दिन बाद एक्ट्रेस की चाइल्डबर्थ कॉम्प्लिकेशंस के चलते डेथ हो गई थी। स्मिता को मौत से कुछ घंटे पहले ही उसका एहसास हो गया था। मौत से पहले के इन कुछ घंटो की कहानी पर एक नजर डालते हैं।
12 दिसंबर, 1986 का वो दिन
- मौत के एक दिन पहले 12 दिसंबर 1986 का वो दिन स्मिता के लिए बाकी दिनों की तरह ही था। सुबह 6 बजे जैसे ही बेटे (प्रतीक) के रोने की आवाज आई तो स्मिता बेड से उठीं और बड़े आराम से बेटे को चुप कराने की कोशिश करने लगीं। स्मिता नहीं चाहती थीं कि बेटे के रोने की आवाज सुनकर पति राज बब्बर की नींद खुल जाए। क्योंकि वो देर रात काम करके घर पर लौटे थे।
-बेटे को चुप कराते-कराते स्मिता उसे लेकर नर्सरी में चली गईं और उसके भविष्य को लेकर सोचने लगीं। कभी वे सोचतीं कि बेटा बड़ा होकर पेरेंट्स की तरह एक्टर बनेगा तो कभी सोचतीं कि नाना (शिवाजी पाटिल) की तरह पॉलिटिशियन। इतना ही नहीं, स्मिता ने इसी दौरान बेटे का नामकरण भी किया। उन्होंने प्रतीक नाम रखा और इसी से उसे पुकारने लगीं।
- अचानक इस दौरान प्रतीक अपना सिर मां की बॉडी से दूर कर रहे थे। तब स्मिता को उनकी बॉडी के बढ़े तापमान का एहसास हुआ, जो कि उनके बेटे को परेशान कर रहा था। कहीं बेटा भी इस वायरस का शिकार ना हो जाए। इसके चलते एक्ट्रेस ने बेटे को दो दिन तक खुद से दूर रखा था। लेकिन उस रोज (12 दिसंबर) वे बेटे को प्यार किए बगैर नहीं रह सकीं।
- बता दें कि स्मिता की मौत से 15 दिन पहले ही यानी 28 नवंबर 1986 को प्रतीक बब्बर का जन्म हुआ था।
पुरानी यादों में खो गईं स्मिता
- कुछ देर बाद राज बब्बर घर से निकल गए और स्मिता अपने डेली रुटीन में लग गईं। स्मिता ने इस दौरान फिल्म 'भीगी पलकें' के सेट पर राज बब्बर से हुई पहली मुलाकात को याद किया। अपनी बड़ी बहन अनिता (जिन्हें वे ताई कहती थीं) और छोटी बहन मान्या के साथ बिताए पलों को याद किया। उन्होंने याद किया कि कैसे बचपन में पुणे स्थित अपने घर के पीछे लगे बरगद के पेड़ के नीचे बहनों के साथ खेला करती थीं और मां उनके लिए मराठी लोकगीत गाया करती थी। इसके बाद रुटीन चेकअप के लिए डॉक्टर आए चेक करके चले गए। फिर एक्ट्रेस ने थोड़ी देर आराम किया।
शाम को राज बब्बर घर लौटे और...
-शाम को राज बब्बर मीटिंग से वापस लौटे, तब तक स्मिता की ट्यूब्स निकाल दी गई थीं और वे अच्छा महसूस कर रही थीं। उन्होंने राज बब्बर के कपड़े निकाल दिए, जो वे किसी फंक्शन में पहनकर जाने वाले थे। स्मिता ने राज के साथ फंक्शन में जाने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, "जब आप मेरे साथ होते हो तो मैं अच्छा महसूस करती हूं। हम कब किसी शो पर साथ जा पाएंगे।" लेकिन राज बब्बर ने उन्हें साथ में ले जाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने स्मिता को बेड पर लिटाया और कंबल उड़ाकर नहाने चले गए।
- करीब 10 मिनट बाद जब राज बाहर आए तो उन्होंने देखा कि स्मिता का चेहरा पीला पड़ चुका है। उन्हें बहुत दर्द हो रहा है और वे खून की उल्टियां कर रही हैं। जल्द ही डॉक्टर से संपर्क किया गया। लेकिन स्मिता डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहती थीं। स्मिता ने कहा कि वे अपने बच्चे से दूर नहीं जाना चाहतीं। वे रोती रहीं और बब्बर और अपनी मां से बहस करती रहीं। लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी।
- अस्पताल पहुंचते-पहुंचते स्मिता कोमा में चली गई थीं। तब तक ये खबर आग की तरह हर जगह फैल गई और सभी अस्पताल एक्ट्रेस से मिलने पहुंचे और वहां जाकर उनका हाल जानने की कोशिश की। कुछ देर बाद डॉक्टर्स से पता चला कि उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन डॉक्टर्स उम्मीद नहीं छोड़ी थी। लेकिन उसके दूसरे दिन 13 दिसंबर को खबर आई कि स्मिता नहीं रहीं। इसके बाद बांद्रा स्थित उनके घर से स्मिता की अंतिम यात्रा निकाली गई थी।