नेपोटिज्म पर सुष्मिता सेन ने तोड़ी चुप्पी, कह डाली ये बड़ी बात

सुष्मिता सेन इन दिनों अपनी वेबसीरीज 'आर्या' को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। उनकी ये वेबसीरीज हाल ही में रिलीज हुई है। इसके जरिए एक्ट्रेस ने करीबन 10 साल बाद फिल्मी दुनिया में कदम एक बार फिर से रखा है। ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई।

Asianet News Hindi | Published : Jun 24, 2020 9:02 AM IST

मुंबई. सुष्मिता सेन इन दिनों अपनी वेबसीरीज 'आर्या' को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। उनकी ये वेबसीरीज हाल ही में रिलीज हुई है। इसके जरिए एक्ट्रेस ने करीबन 10 साल बाद फिल्मी दुनिया में कदम एक बार फिर से रखा है। ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। इसी को लेकर एक्ट्रेस ने मीडिया एजेंसी से बात की। उन्होंने कहा कि वो हमेशा से मानती हैं कि ये एक सैटेलाइट हिट है, क्योंकि उन्होंने जो भी काम किया वो सैटेलाइट पर आया तो हिट भी हुआ लोगों ने इसके प्रदर्शन की तारीफ भी करनी शुरू की, लेकिन तब जब ये सिनेमाघरों में था, तब ये काम नहीं कर रहा था।

Aarya does what movies could not, it showcases Sushmita Sen – The ... 

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नेपोटिज्म पर बोलीं सुष्मिता सेन 

इस इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस से सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या और बॉलीवुड में चल रहे नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बारे में पूछा गया तो सुष्मिता ने जवाब देते हुए कहा कि बाहरी लोगों के लिए बॉलीवुड में टिकना मुश्किल है, उन्होंने कहा कि 'अंदरूनी लोगों और बाहरी लोगों' के बीच कॉम्पटीशन कोई नई बात नहीं है, लेकिन सबसे जरूरी बात ये है कि यह सभी के लिए बराबरी का खेल होना चाहिए। उन्होंने कहा  कि इस समय सभी मीडिया और हर जगह इसे लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन हम सभी इसे सहन कर रहे हैं, यह कोई नई बात नहीं है। क्या यह कुछ ऐसा है जिसे हमने अभी महसूस किया है?

लोगों की सफलता से नफरत नहीं करनी चाहिए: सुष्मिता सेन 

सुष्मिता सेन ने आगे कहा कि अब हर कोई इस शब्द को नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) कहता है। ये एक ऐसा सच है, जिसे लोग तब तक जानते हैं, जब तक इंडस्ट्री अस्तित्व में है। सोशल मीडिया और डिजिटल की वजह से सभी लोग इसकी सच्चाई से जागरूक हुए हैं। लोगों को किसी भी पेशे में अन्य लोगों की सफलता से नफरत नहीं करनी चाहिए। बल्कि सभी को हमेशा इसकी सराहना करनी चाहिए। ईर्ष्या करने के लिए इस तरह के लोग सिर्फ दूसरों के लिए बुरा ही सोचते हैं। रिलीज होने तक अक्सर लोग उसके बारे में गंदा ही सोचते हैं। यह एक भ्रष्ट चीज है, जो कभी खत्म नहीं हो सकती, लेकिन इसका नुकसान हर किसी को होता है। सुष्मिता ने भाई-भतीजावाद के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर इसे बदलने की जरूरत है, तो सभी को इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी, ना की केवल एक इंसान को।

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