सोनू सूद को मिला भगवान का दर्जा, तेलंगाना के इस गांव में लोगों ने बनाया एक्टर का मंदिर; की आरती

कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर सामने आए सोनू सूद (Sonu Sood) की अब गरीबों के भगवान बन चुके हैं। जी हां, ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि लोग खुद उन्हें भगवान का दर्जा दे चुके हैं। तेलंगाना के गांव डुब्बा टांडा के लोगों ने 47 साल के सोनू सूद के नाम पर एक मंदिर बनवाकर उसमें उनकी मूर्ति स्थापित की है। 

मुंबई/हैदराबाद। कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर सामने आए सोनू सूद (Sonu Sood) की अब गरीबों के भगवान बन चुके हैं। जी हां, ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि लोग खुद उन्हें भगवान का दर्जा दे चुके हैं। तेलंगाना के गांव डुब्बा टांडा के लोगों ने 47 साल के सोनू सूद के नाम पर एक मंदिर बनवाकर उसमें उनकी मूर्ति स्थापित की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव वालों ने इस मंदिर का सिद्दीपेट जिले के अधिकारियों की मदद से बनवाया है।

 

मंदिर का लोकार्पण रविवार को मूर्तिकार और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान आरती भी की गई। ट्रेडिशनल ड्रेस में वहां की महिलाओं ने पारंपरिक गीत भी गाए। जिला परिषद के सदस्य गिरी कोंडेल का कहना है कि सोनू सूद ने कोरोना के दौरान गरीब लोगों के लिए अच्छा काम किया है। वहीं, मंदिर निर्माण के योजनाकार संगठन में शामिल रमेश कुमार का कहना है कि सोनू ने अच्छे कामों के चलते भगवान का दर्जा हासिल कर लिया है। वे हमारे भगवान ही हैं। 

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सोनू देश ही नहीं दुनियाभर में किए जा रहे सम्मानित :
रमेश कुमार का कहना है कि सोनू ने महामारी के दौरान जिस तरह से जरूरतमंदों की मदद की है, उसके चलते उन्हें देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सम्मानित किया गया है। यूनाइटेड नेशन की ओर से सोनू को एसडीजी स्पेशल ह्यूमेनीटेरियन एक्शन अवॉर्ड दिया गया। इसलिए अपने गांव की ओर से हमने उनका मंदिर बनवाने का फैसला लिया।

जब चिरंजीवी ने पीटने से किया मना :
हाल ही में सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी नई इमेज की वजह से साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी ने फिल्म 'आचार्य' के एक एक्शन सीन में उन्हें पीटने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था- फिल्म में तुम्हारा (सोनू) होना हमारे लिए एक बड़ी समस्या है, क्योंकि मैं एक्शन सीन में तुम्हें पीट नहीं सकता। चिरंजीवी ने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो लोग उन्हें गालियां देंगे। 

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25 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की मदद की : 
बता दें कि कोरोना से पहले सोनू सूद एक औसत एक्टर के तौर पर जाने जाते थे जोकि फिल्मों में ज्यादातर विलन्स के रोल प्ले करता है। हालांकि कोरोना के दौरान लॉकडाउन में अपनी उदारता और शालीनता से उन्होंने लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बनाई है। लॉकडाउन में सोनू सूद ने यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड, असम और केरल के करीब 25 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया था। इतना ही नहीं, सोनू ने इनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया था।

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