
रायपुर (Chhattisgar)। जीरम हमले की मंगलवार को 8वीं बरसी है। इस हमले की गूंज आज भी छत्तीसगढ़ और देश की राजनीति में सुनाई देती है, क्योंकि किसी राजनीतिक दल के 32 नेताओं की सामूहिक हत्या का ये पहला मामला था।
परिवर्तन यात्रा के पहले हुआ था हादसा
25 मई 2013 रो कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा जिले से परिवर्तन यात्रा के लिए सभा कर जगदलपुर की ओर आ रहा था। इसी दौरान दरभा थाने से महज़ कुछ किलोमीटर की दूरी पर जीरम घाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर नक्सलियों ने उस बड़ी घटना को अंजाम दिया, जिससे पूरा देश दहल उठा था। जीरम हमले में महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल समेत 32 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
हमले का आज तक नहीं पता चला मूल मकसद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। इसमें 140 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से 40 गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन एनआईए अभी तक ये नहीं पता लगा पाई कि इस हमले का मूल मकसद क्या था।
(फाइल फोटो)
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