
कोरबा. प्रकृति एक अबूझ पहेली है, जिसे सुलझा पाना सरल नहीं है। अगर हम बात सिर्फ रहस्यों से भरी वन सम्पदा की करें, तो छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक ऐसा पौधा पाया जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर तो है ही, इसकी पत्तियां भी रहस्यमयी तासीर रखती हैं। इसे दहीमन कहते हैं। अगर आप इसकी पत्तियों पर नुकीली चीज से कुछ लिख दें, तो आपने जो भी लिखा है, वो कुछ देर बाद उभरकर सामने आ जाएगा। कहते हैं कि इन पत्तियों की इसी खूबी के कारण उनका इस्तेमाल प्राचीनकाल में गुप्त संदेश भेजने के काम आता था।
कैंसर रोधी तत्व भी मिलते हैं
हाल में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की कोरबा इकाई ने बाल्को के घने जंगलों में एक खोज यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान विज्ञान विशेषज्ञों को दहीमन पौधा मिला। विशेषज्ञों के अनुसार दहीमन की छाल में ईथेनॉलिक एक्सट्रैक्ट पाया जाता है। यह एक ऐसा तत्व है, जो बैक्टीरिया और फंफूद को रोकता है। यानी यह एंटी कैंसर तत्व भी है। यह खोज यात्रा वनांचल गांव बेला से काफी प्वाइंट तक आयोजित की गई थी। इसमें विशेषज्ञों ने करीब 10 किमी की यात्रा की। यात्रा में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के सचिव डॉ. वाईके सोना, डॉ. दिनेश दीक्षित और सर्पमित्र अविनाश यादव विशेष रूप से शामिल हुए।
सांपों के जहर को उतारने पर भी चल रहा रिसर्च
विशेषज्ञों ने बताया की दहीमन की छाल में मिलने वाले इस तत्व से कोबरा प्रजाति के खतरनाक सांपों का जहर उतारने के लिए एंटी वेनम बनाने पर भी रिसर्च चल रहा है। विशेषज्ञों ने यात्रा के दौरान करीब 60 औषधीय पौधों की पहचान की।
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