गजब : महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर के बेटे ने मांगी टीचर की नौकरी! इंटरव्यू में नाम शॉर्टलिस्ट

Published : Jul 03, 2021, 01:00 PM IST
गजब : महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर के बेटे ने मांगी टीचर की नौकरी! इंटरव्यू में नाम शॉर्टलिस्ट

सार

प्रशासन ने आवेदन आने के बाद उन्हें शार्टलिस्ट कर कैंडिडेट्स के नाम वेबसाइट पर डाल दिए थे। लेकिन कैंडिडेट्स की लिस्ट डालते ही यह वायरल हो गई । जिस पर यूजर कमेंट्स करने लगे कि अब टीचर की नौकरी महेन्द्र सिंह धोनी को भी चाहिए। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मचा गया 


रायगढ़ (छत्तसीगढ़). सरकारी विभागों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले तो आए दिन सामन आते ही रहते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में जो मामला सामने आया है वह बेहद अजीबोगरीब है, जिसने प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। जहां एक सरकारी स्कूल में महेंद्र सिंह धोनी ने टीचर की नौकरी के लिए आवेदन किया है। इतना ही नहीं हैरानी तब हो गई जब अधिकारियों ने धोनी का नाम इंटरव्यू के लिए शार्टलिस्ट भी कर लिया।

 'संविदा भर्ती के लिए धोनी ने किया आवदेन'
दरअसल, यह हैरान कर देने वाला मामला राजगढ़ जिले का है। जहां प्रशासन ने आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में 63 शिक्षक पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगा था। जिसके तहत स्कूल के कई विषयों के लिए संविदा भर्ती होनी है। जिसकी आखिरी तारीख  29 जून थी और अब इंटरव्यू शुक्रवार को होने थे, जिसके लिए एक आवदेन मांगे गए थे।

अपना नाम एमएस धोनी और पिता सचिन तेंदुलकर
आवेदक ने अपना नाम महेन्द्र सिंह धोनी बताया और पिता का नाम सचिन तेंदुलकर लिखा था। अपने आवेदन में दी गई जानकारी ने उसने बताया है कि उसने सीएसवीटीयू दुर्ग विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में  98 फिसदी अंकों के साथ स्नातक पास किया है। 98 फिसदी अंक होने की वजह से उसे विभाग ने इंटरव्यू के लिए इस धोनी नाम के युवक को अपनी फाइनल लिस्ट में शामिल कर लिया।

ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
प्रशासन ने आवेदन आने के बाद उन्हें शार्टलिस्ट कर कैंडिडेट्स के नाम वेबसाइट पर डाल दिए थे। लेकिन कैंडिडेट्स की लिस्ट डालते ही यह वायरल हो गई । जिस पर यूजर कमेंट्स करने लगे कि अब टीचर की नौकरी महेन्द्र सिंह धोनी को भी चाहिए। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मचा गया और विभाग हरकत में आया और आवेदक के दिए गए नंबर पर कॉल किया तो वह बंद बताया। जिसके बाद इस फर्जी आवेदक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए। हालांकि, यह प्रशासन की लापरवाही के साथ-साथ बड़ी चूक है। अब सवाल उठता है कि जब शुरू में आवदेन आया था तो प्रशासन क्या कर रहा था। अगर वहीं पर लिस्ट चेक हो जाती तो यह नौबत नहीं आती।
 

PREV

छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाएं, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स, नक्सल क्षेत्र समाचार और स्थानीय विकास रिपोर्ट्स पढ़ें। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर क्षेत्र की खबरों के लिए Chhattisgarh News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — सबसे विश्वसनीय राज्य कवरेज यहीं।

Recommended Stories

Black Magic Death: 5 लाख को 2.5 करोड़ बनाने की डील…और मिले 3 शव: कोरबा का सबसे डरावना केस
IPS अफसर का चैट लीक, कारोबारी बोला- प्यार में फंसाकर ठग लिए 2 करोड़