नहीं गई संत कालीचरण की हेकड़ी,बोले- गांधी से नफरत, गाली देने पर मृत्युदंड भी स्वीकार, गोडसे को साष्टांग प्रणाम

Published : Dec 28, 2021, 10:24 AM ISTUpdated : Dec 28, 2021, 11:25 AM IST
नहीं गई संत कालीचरण की हेकड़ी,बोले- गांधी से नफरत, गाली देने पर मृत्युदंड भी स्वीकार, गोडसे को साष्टांग प्रणाम

सार

छत्तीसढ़ (Chhattisgarh) के रायपुर (Raipur) की धर्म संसद (Dharm Sansad) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को अपशब्द कहे जाने से देशभर में नाराजगी है। कांग्रेस (Congress) ने रायपुर में आरोपी संत कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है। इस बीच, महाराष्ट्र (Maharashtra) के संत कालीचरण महाराज (Sant Kalicharan Maharaj) का नया बयान सामने आया है। 

रायपुर। छत्तीसढ़ (Chhattisgarh) के रायपुर (Raipur) की धर्म संसद (Dharm Sansad) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को अपशब्द कहे जाने से देशभर में नाराजगी है। कांग्रेस (Congress) ने रायपुर में आरोपी संत कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है। इस बीच, महाराष्ट्र (Maharashtra) के संत कालीचरण महाराज (Sant Kalicharan Maharaj) का नया बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा- गांधी को अपशब्द कहने के लिए मुझ पर FIR हुई है, मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है। मैं गांधी से नफरत करता हूं, मेरे हृदय में गांधी के प्रति तिरस्कार है। कालीचरण ने नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को महात्मा बताया और कहा- मैं गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं, उनके चरणों में मेरा साष्टांग प्रणाम है। कालीचरण ने इस पूरे मामले में सोमवार रात अपना पक्ष रखते हुए एक वीडियो जारी किया है।

कालीचरण ने करीब 8 मिनट 50 सेकेंड के वीडियो में अपने विवादित बयान पर कई तरह की बातें की। उन्होंने कहा कि गांधी की वजह से ही सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रधानमंत्री नहीं बने। अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री बनते तो आज भारत अमेरिका से बड़ी ताकत बन सकता था। कालीचरण ने महात्मा गांधी पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। भगत सिंह और राजगुरु की फांसी ना रुकवाने के आरोप भी लगाए। कालीचरण ने कहा कि कोई राष्ट्र का पिता नहीं हो सकता। यदि राष्ट्रपिता बनाना है तो छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप और सरदार पटेल जैसे लोगों को बनाना चाहिए जिन्होंने राष्ट्रकुल को एकत्र करने का काम किया। उन्होंने गांधी को देश का बंटवारा करने का जिम्मेदार बताया।

सच बोलने के लिए मुझे मृत्युदंड स्वीकार
कालीचरण ने रायपुर में FIR होने पर कहा कि मुझे अगर सच बोलने के लिए मृत्युदंड की सजा भी दी जाती है तो वह मौत को स्वीकार करेंगे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए जान दे दी तो मुझ जैसे तुच्छ जंतु जीकर क्या करेंगे, मुझ जैसे करोड़ों कालीचरण मरने को तैयार हैं। बता दें कि रायपुर की धर्म संसद में कालीचरण ने महात्मा गांधी के लिए मंच से अपशब्द कहे थे। उसके बाद विवाद बढ़ा तो रायपुर से फरार हो गए थे। अब फिर से वीडियो के जरिए वही बातों को दोहराया, जिसकी वजह से उन पर केस दर्ज किया गया है।

कालीचरण को बॉडी बिल्डिंग का शौक, राजनीति भी की
संत कालीचरण का असली नाम अभिनीत धनंजय सराग है और भावसार समाज के हैं। पिता दवा की दुकान चलाते हैं। कालीचरण महाराष्ट्र के अकोला में स्थानीय युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं और 8वीं क्लास तक पढ़े हैं। बचपन में मां-बाप ने उन्हें मौसी के घर इंदौर भेज दिया था। कालीचरण को बॉडी बिल्डिंग का शौक है। क्लासिकल सिंगर की तरह आलाप लेकर सबको चौंका भी देते हैं। कालीचरण ने राजनीति में भी हाथ आजमाया। 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में उन्होंने किस्मत आजमाई, लेकिन हार गए थे। इसी साल कालीचरण भोपाल के पास भोजपुर मंदिर में शिवतांडव स्त्रोत का पाठ कर चर्चा में आए थे। वे खुद को कालीपुत्र बताते हैं।

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