कश्मीरी लड़कियों को यहां आने से पहले सता रहा था डर, बोलीं हम गलत थे, यह जगह नहीं है खतरनाक

छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए रविवार का दिन आखिरी रहा। इस समारोह में देशभर से आए कई कलाकारों ने अलग-अलग अंदाज नृत्य पेश किया।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2019 1:51 PM IST / Updated: Dec 29 2019, 07:58 PM IST

रायपुर. छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए रविवार का दिन आखिरी रहा। इस समारोह में देशभर से आए कई कलाकारों ने अलग-अलग अंदाज नृत्य पेश किया। वहीं इस फेस्टिवल में कश्मीर से कश्मीरी कलाकारों को आने से पहले नक्सलियों का डर सता रहा था।

कश्मीर के स्टूडेंट्स ने सुनाए यहां के अनुभव
इस नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल में कश्मीर से एक स्टूडेंट्स का ग्रुप पहुंचा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, उनको यहां आने से पहले नक्सलियों का डर सता रहा था। क्योंकि हमको छत्तीसगढ़ के बारे में बहुत सी बातें सुनी थीं। हमें सुनकर डर लगता था कि वहां क्यों जा रहे हैं। क्योंकि वह खतरनाक जगह है। वहां नक्सली बेगुनाह लोगों की जान ले लेते हैं। लेकिन यहां आकर हमको बहुत अच्छा लगा। यहां ऐसे कुछ भी नहीं जैसा हमने इस राज्य के बारे में सुना था। छत्तसीगढ़ के लोगों ने बहुत प्यार मिला। छत्तीसगढ़ी जनता बहुत ईमनादार और प्यार करने वाली है।

राहुल गांधी ने मुकुट और ढोल बजाते हुए किया था डांस
बता दें कि दो दिन पहले यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्घाटन किया था।.इस दौरान वह अलग अंदाज में नजर आए थे। राहुल ने ढोलक की थाप पर आदिवासी डांस किया। इसके अलावा उन्होंने गले में ढोलक लेकर और सिर पर पारंपरिक सींग का मुकुट लगाकर थिरकते रहे। उनके साथ में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे। 
 

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