दंतेवाड़ा (छत्तीसघड़). देश की बॉर्डर पर रक्षा का जिम्मा संभाल रहे सेना के जवान दुश्मन के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ भी जंग लड़ रहे हैं। ऐसे ही छत्तसीगढ़ में सीआरपीएफ के जवान नक्सल ऑपरेशन के साथ साथ मजदूरों के लिए राशन भी बांट रहे हैं।
एक हाथ में AK-47 तो दूसरे में राशन की बोरीदरअसल, सीआरपीएफ के जवान जहां एक तरफ सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में हाथ में एके-47 लेकर नक्सलियों से सामना कर रहे हैं। तो वहीं इन जवानों के दूसरे हाथ में राशन की एक बोरी भी होती है। वह जंगली इलाके में रहने वाले मजदूर परिवारों के लिए खाने का सामान पहुंचा रहे हैं।
दुश्मनों से ज्यादा खतरनाक है कोरनायह जवान मजदूरों के लिए मास्क, सैनटाइजर और कई जरुरत का सामन बांट रहे हैं। जितनी मुस्तैदी से वह नक्सलियों का सामना करते हैं। उतनी ही मेहनत के साथ वह कोरोना को हराने के लिए भी मैदान में हैं। वो नक्सलियों से जिस तरह वहां के लोगों की जिंदगी बचा रहे हैं। उससे भी ज्यादा वह इस वक्त यहां के लोगों को कोरोना से सावधान रहने की सलाह भी दे रहे हैं।
मजदूरों को करोना से बचाना पहला मकसदसीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अमित सिंह के साथ निरीक्षक विजय नरसिम्हा मूर्ति और उनकी टीम में कई जवान शामिल हैं। वह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से आने वाले मजदूरों की पड़ताल भी कर रहे हैं। ताकि उनको किसी तरह से कोरोना से दूर रखा जाए।