
जशपुर, छत्तीसगढ़. इन दिनों सारी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ रही है। उम्मीद है कि मानवता इस वायरस पर भारी पड़ेगी। खैर, यह तस्वीर जशपुर की है। आदिवासियों में सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के दौरान नगाड़ा बजाना पुरानी परंपरा रही है। लेकिन यहां नगाड़े के जरिये मुनादी की जा रही है। लोगों को साप्ताहिक हाट न लगाने को कहा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरा देश हाईअलर्ट पर है। यह तस्वीर जशपुर जिले के तपकरा ग्राम पंचायत की है। यहां शुक्रवार को नगाड़ा बजाकर आपातकाल की मुनादी कराई गई। यानी लोगों को अगले आदेश तक यहां लगने वाले साप्ताहिक बाजार को स्थगित करने की अपील की गई है।
नगाड़ा बजाने का मतलब..कोई बड़ी सूचना...
कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने छत्तीसगढ़ में धारा 144 लागू कर दी गई है। यानी लोगों को एक साथ न रहने को कहा जा रहा है। यह मुनादी भी इसी के मकसद से की गई। उल्लेखनीय है कि राजा-महाराजों के शासनकाल में युद्ध के बारे में जानकारी देने या अन्य किसी महत्वपूर्ण सूचना के बारे में लोगों को आगाह करने नगाड़ा बजवाया जाता था। उस दौर में लाउड स्पीकर नहीं होते थे। नगाड़ा परंपरा का हिस्सा भी रहा है। धार्मिक और सामाजिक आयोजनों के दौरान भी नगाड़ा बजाया जाता था। धीरे-धीरे यह परंपरा विलुप्त-सी होती गई।
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