
बिलासपुर, छग. यह शर्मनाक घटना गुरुवार को इमलीपारा में देखने को मिली। इस पुलिसवाले के बूट के नीचे एक मानसिक बीमार युवक है। लोग खड़े-खड़े तमाशा देखते रहे, लेकिन किसी ने भी पुलिसवाले को उसकी ड्यूटी याद नहीं दिलाई। मानवता की दुहाई नहीं दी। इस युवक की गलती इतनी थी कि उसने घरवालों को परेशान किया था। लेकिन युवक को मानसिक हॉस्पिटल भेजे जाने की जरूरत थी। उसे किसी गुंडे की तरह सार्वजनिक सजा देना क्या सही था?
बताते हैं कि घरवालों की शिकायत पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। चूंकि युवक की मानसिक हालत ऐसी नहीं थी कि वो किसी की समझाइश को माने। इसे देखकर पुलिसवाले को गुस्सा आ गया। उसने युवक के हाथ-पांव रस्सी से बांधे। फिर उसे नीचे पटककर अपने बूट से रौंदने लगा। अर्धनग्न हालत में जमीन पर पड़ा युवक चीखता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। बाद में युवक को मानसिक चिकित्सा केंद्र सेंदरी ले जाया गया।
जानकार बताते हैं कि ऐसा कृत्य अमानवीय श्रेणी में आता है। यह मानवाधिकार का उल्लंघन है। ऐसे मामले में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को टोल फ्री नंबर 18002332528 व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण 07752-221790 पर फोन करके मदद ली ज सकती थी।
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